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लाइफ स्टाइल

दिल का दौरा मापने के लिए बीएमआई अहम

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नई दिल्ली। कुछ खास खतरे किसी इंसान में दिल के दौरे का कारण बनते हैं। इनमें से कुछ खतरे हमारे काबू से बाहर हैं और वे रोके नहीं जा सकते। लेकिन कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें रोका जा सकता है। इनमें से एक है बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) जो भविष्य में दिल का दौरा पडऩे में अहम भूमिका निभाता है। बीएमआई मोटापे के स्तर की जांच के लिए सबसे व्यावहारिक तरीका है। इसे कद और वजन से इस प्रकार मापा जाता है।

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ के.के. अग्रवाल कहते हैं कि दिल के रोग पैदा होने के पीछे खानपान अहम भूमिका निभाता है। वजन ज्यादा होने पर हाईपरटेंशन, डायबिटीज और एथेरोसिलेरोसिस होने की संभावना रहती है। इससे दिल के दौरे सहित अनेक दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। दिल के दौरे के खतरे को समझने के लिए अपने बीएमआई के बारे में जागरूक रहना चाहिए।

उन्होंने बताया कि दिल के रोगों का पता लगाने के लिए आपके बीएमआई और कमर के घेरे को लिया जाता है। दोनों मिलकर दिल के दौरे के खतरे के स्तर को मापने में मदद कर सकते हैं। इससे आप बचाव के कदम और जीवनशैली में बदलाव जितनी जल्दी हो सके कर पाएंगे।

डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, अगर आपकी उम्र 40 साल से कम हैं तो पुरुष जिनके परिवार में पहले से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या दिल के रोग रहे हैं, जिनका बीएमआई के अनुसार वजन सामान्य है लेकिन पेट निकला हुआ है या 18 की उम्र के बाद वजन 10 किलो ज्यादा बढ़ा है तो उन्हें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और दिल के दौरे के खतरे को कम करने के लिए तुरंत दिल के माहिर के पास जाना चाहिए।

कुछ अहम बातें :

* जिन लोगों का बीएमआई 23 से 30 के बीच है, उन्हें कम खतरा है लेकिन जिनका 30 से 35 के मध्य है उन्हें मध्यम खतरा होगा।

* जिनका बीएमआई 35 से 40 के मध्य है, उन्हें अधिक खतरा होगा और जिनका 40 से भी ऊपर है उन्हें अपने मोटापे से अत्यधिक खतरा है।

* बीएमआई के किसी भी स्तर पर पेट का मोटापा बढऩे से हाईपरलिपिडेमिया, हाइपरटेंशन, 40 साल से कम उम्र, पुरुष और परिवार में पहले से डायबिटीज, हाइपरटेंशन या दिल के रोग होने से सेहत को खतरे बढ़ जाते हैं।

लाइफ स्टाइल

थका-थका रहता है शरीर, ये हो सकता है कारण; जानें उपाय

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नई दिल्ली। गलत लाइफस्टाइल व दिनभर की भागदौड़ से शरीर का पूरी तरह से थकना तो स्वाभाविक है, लेकिन कभी-कभी अगर कुछ ज्यादा काम न भी हुआ तो भी शरीर थका-थका नजर आने लगता है। ऐसे में आपको अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान देने की जरूरत है।

हम यहां बताएंगे कि आप किस तरह से थकान दूर कर सकते हैं।

इन कारणों से होती है थकावट

अगर आप 5 से अधिक कप चाय-कॉफी या फिर कोल्‍ड ड्रिंक्‍स का सेवन करते हैं तो आप पूरे दिन थकावट महसूस करेंगे।

अधिकतर लोग खासतौर पर महिलाएं अपनी डाइट में प्रोटीन, विटामिन-डी3, बी12 आदि की मात्रा कम लेते हैं।

शरीर में इस पोषक तत्‍वों की कमी के कारण भी आपको थकावट महसूस हो सकती है।

अगर आप दिनभर में कम चलते-फिरते हैं और एक्‍सरसाइज नहीं करते हैं तो आपको एक ही स्‍थान पर बैठे-बैठे थकावट महसूस हो सकती है।

ब्‍लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आने से भी थकावट महसूस होती है।

अगर आपकी मांसपेशियां कमजोर हैं तो आपको थकान लग सकती है।

थकावट दूर करने के लिए करे ये उपाय

नियमित रूप से पानी में भीगी हुई 2 काली किशमिश जरूर खाएं। इससे आपका शुगर लेवल नियंत्रित रहेगा।

अपनी डाइट में ग्रीन और रेड जूस को शामिल करें।

संभव हो तो रोज खीरा, पुदीना, नारियल पानी को मिक्‍स करके सुबह सबसे पहले इसका जूस पियें।

रेड जूस में आप सेब, चुकंदर, गाजर आदि का रस पी सकते हैं।

यह आपके शरीर को डिटॉक्‍स करेगा और आपको थकान महसूस नहीं होगी।

चाय और कॉफी के स्‍थान पर फलों का सेवन करें।

ऐसे फल खाएं जिनमें विटामिन-सी की मात्रा अधिक हो इससे आपका एनर्जी लेवल हमेशा हाई रहेगा।

आयरन से भरपूर खाना खाएं। इसके लिए आहार में पालक, कद्दू, सीड्स और मीट को शामिल कर सकते हैं।

आसानी से पचने वाला भोजन करें। इसके लिए फर्मेंटेड, स्‍प्राउटेड, सूर्य की रोशनी में ड्राई किया गया आहार खा सकते हैं।

डाइट में प्रोटीन की उचित मात्रा को जरूर शामिल करें।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त लेख सिर्फ सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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