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DeepFake के खिलाफ एक्शन मोड में सरकार, अश्विनी वैष्णव बोले- कानून बनाने की कर रहे तैयारी
नई दिल्ली। डीपफेक को लेकर केंद्र सरकार अब सख्त रवैया अपनाने जा रही है। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार जल्द ही इसके खिलाफ बड़े कदम उठाने वाली है। मंत्री ने कहा कि जल्द ही सरकार ऐसे डीपफेक वीडियो को बनाने और इसे होस्ट करने वाले प्लेटफार्मों के लिए कानून और दंड का प्रावधान करने वाली है।
नया खतरा बनकर उभरा डीपफेक
अश्विनी वैष्णव ने आज डीप फेक के मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और हितधारकों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। डीप फेक पर बोलते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डीप फेक समाज में एक नया खतरा बनकर उभरा है। मंत्री ने कहा कि हमें तत्काल कदम उठाने की जरूरत है और हमने ये फैसला किया है कि हम कुछ ही हफ्तों में डीपफेक को कानूनी दायरे में लाने के लिए मसौदा तैयार करने कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज चार पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने पर बात हुई-
डीप फेक का पता लगाना
इसकी रोकथाम
रिपोर्टिंग तंत्र
जागरूकता बढ़ाने की जरूरत
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि डीपफेक के खिलाफ सोशल मीडिया कंपनियां नैसकॉम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम कर रहे प्रोफेसर के साथ भी आज बैठक हुई।
क्या है डीपफेक?
डीपफेक डॉक्टर्ड मीडिया को दर्शाता है, जिसे AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग करके किसी को गलत तरीके से दिखाने की कोशिश की जाती है। इसमें डिजिटल रूप से चेहरे में हेरफेर या कई प्रकार की और एडिटिंग करके गलत चीज दिखाने की कोशिश की जाती है।
हाल ही में, प्रमुख अभिनेत्रियों के साथ कई और बड़े लोगों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें रशमिका मंधाना की वीडियो पर सबसे ज्यादा बवाल हुआ था। इसके बाद पीएम मोदी ने भी इसपर चिंता जताई थी।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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