Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

गैजेट्स

केंद्र सरकार के खिलाफ ट्विटर की याचिका खारिज, HC ने लगाया 50 लाख का जुर्माना

Published

on

twitter logo

Loading

बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने आज शुक्रवार को माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें फरवरी 2021 और 2022 के बीच केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दस ब्लॉकिंग आदेशों को चुनौती देने वाली 39 URL हटाने का निर्देश दिया गया था।

कोर्ट ने कहा कि ट्विटर कोई किसान या कानून से अपरिचित सामान्य व्यक्ति नहीं है, बल्कि एक अरबपति कंपनी है। न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल-न्यायाधीश पीठ ने, जिसने फैसले का ऑपरेटिव भाग तय किया, ट्विटर पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और इसे 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को भुगतान करने का आदेश दिया।

जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने कहा कि उसने समय पर ब्लॉक करने की केंद्र सरकार की मांगों का पालन नहीं करने का कारण नहीं बताया। फैसले के ऑपरेटिव भागों का उल्लेख करते हुए जस्टिस दीक्षित ने कहा कि वह केंद्र सरकार के रुख से आश्वस्त हैं कि उसके पास न केवल ट्वीट्स को ब्लॉक करने की शक्ति है, बल्कि वह खातों को भी ब्लॉक कर सकती है।

अप्रैल में कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा फरवरी 2021 और फरवरी 2022 के बीच 39 URL को हटाने के लिए जारी किए गए 10 आदेशों को चुनौती देने वाली ट्विटर की एक याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था। जिस पर आज अपना फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी और ट्विटर पर ही 50 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है।

हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पर 50 लाख रुपये का फाइन लगाया गया है, जो 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण, बेंगलुरु को देय होगा। यदि ये रकम देने में देरी होती है तो इस पर प्रति दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगता है।

ट्विटर ने क्या कहा था?

ट्विटर ने इस मामले में तर्क दिया था कि केंद्र सरकार को सोशल मीडिया खातों को ब्लॉक करने के लिए सामान्य आदेश जारी करने का अधिकार नहीं था और आदेशों में ऐसे कारण होने चाहिए जो उपयोगकर्ताओं को बताए गए हों।

केंद्र सरकार ने कोर्ट के सामने अपनी दलील रखते हुए कहा था कि भारत की संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा होने पर ही सरकार हस्तक्षेप करेगी। सरकार की ओर से बंद लिफाफों में रोक लगाने के आदेश भी हाई कोर्ट को सौंपे गए थे।

गैजेट्स

केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

Published

on

70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

Loading

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

Continue Reading

Trending