Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

लीबिया से 2 तेलुगू शिक्षक मुक्त कराए गए

Published

on

सुषमा

Loading

सुषमाहैदराबाद| लीबिया में सालभर पहले अगवा किए गए दो तेलुगू शिक्षकों को मुक्त करा लिया गया है। इसकी जानकारी गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी। विदेश मंत्री की यह घोषणा दोनों तेलुगू शिक्षकों के परिवार वालों के लिए बड़ी राहत लेकर आई, जो पिछले एक साल से उनकी सुरक्षित वापसी की प्रार्थना व प्रतीक्षा कर रहे थे।

सुषमा ने ट्वीट कर कहा, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि लीबिया में 29 जुलाई 2015 को अगवा किए गए टी गोपालकृष्णा (आंध्र प्रदेश) और सी. बलराम किशन (तेलंगाना) को मुक्त करा लिया गया है।”

गोपालकृष्णा और बलराम किशन सिर्ते विश्वविद्यालय में शिक्षक थे। उन्हें भारत लौटने के लिए त्रिपोली हवाईअड्डे जाते वक्त इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों ने रास्ते से अगवा किया गया था। सिर्ते लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मार गद्दाफी का गृहनगर रहा है।

मुक्त कराए गए दोनों तेलुगू शिक्षकों के परिवार वालों को यह खुशखबरी गणेश विसर्जन के दिन मिली, जिसके बाद उन्होंने मिठाइयां बांटी और भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया। गोपालकृष्णा की पत्नी कल्याणी ने बताया कि उनके पति ने उन्हें बुधवार रात फोन कर बताया कि वह सुरक्षित मुक्त हो गए हैं।

गोपालकृष्णा सिर्ते विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर थे। वह आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में तेक्काली से ताल्लुक रखते हैं, जबकि बलराम किशन पेशे से अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं और सिर्ते विश्वविद्यालय में ही पढ़ाते थे। वह तेलंगाना के करीमनागर जिले से हैं। इन दोनों शिक्षकों के परिवार के सदस्यों ने बताया कि अभी उन्हें आधिकारिक तौर पर उनकी वापसी के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।

आईएस ने इस दिन कुल चार भारतीयों को अगवा किया था, जिनमें से दो को कुछ दिन बाद ही रिहा करा लिया गया था। ये दोनों भारतीय लक्ष्मीकांत और विजय कुमार कर्नाटक से थे। तेलंगाना के प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री के.ताराकर्म राव ने दोनों को मुक्त कराने के लिए ट्वीट कर सुषमा स्वराज को धन्यवाद दिया।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

Continue Reading

Trending