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प्रादेशिक

तेलंगाना सरकार का बड़ा फैसला, रविवार से पूरी तरह खत्म हो जाएगा लॉकडाउन

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नई दिल्ली। देश में कोरोना की रफ्तार अब थमती नजर आ रही है। लगातार कम मामले आने के बाद अब कई राज्यों ने पाबंदियों में ढील देना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तेलंगाना की सरकार संक्रमण के घटने के बाद लागू लॉकडाउन को पूरी तरह से हटाने का फैसला किया है।

राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया। इस तरह से तेलंगाना देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने पूरी तरह से लॉकडाउन को हटाने का एलान किया है।

बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार ने 19 जून तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया था, हालांकि इस दौरान लोगों को कुछ छूट भी दी गई थी। गौरतलब है कि अप्रैल-मई महीने में कहर बरपाने के बाद देश में अब कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ती नजर आ रही है।

बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के 60,753 नए केस सामने आए। वहीं इस खतरनाक वायरस से 97,743 लोगों ने जंग जीती। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ो के मुताबिक देश में अब एक्टिव केस की संख्या घटकर 7,60, 019 रह गई है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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