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बिजनेस

बायजू रविंद्रन की नेटवर्थ हुई जीरो, सालभर पहले थे देश के युवा अरबपतियों की लिस्ट में शामिल

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नई दिल्ली। कभी कामयाबी के आसमान पर ध्रुव तारी सी चमक रही एडटेक कंपनी बायजूस के फाउंडर बायजू रविंद्रन की नेटवर्थ जीरो यानी शून्य हो गई है। रविंद्रन सालभर पहले देश के सबसे युवा अरबपतियों की लिस्ट में शामिल थे। Byju’s CEO रविंद्रन एक साल पहले 2.1 अरब डॉलर या करीब 17,545 करोड़ रुपये की नेटवर्थ के साथ देश के सबसे युवा अरबपतियों में शामिल थे, लेकिन फोर्ब्स बिलेनियर इंडेक्स 2024 में अब इनकी नेटवर्थ जीरो आंकी गई है।

बायजू रवींद्रन की कुल संपत्ति में ये भारी गिरावट उनकी स्टार्टअप कंपनी Byju’s में नकदी संकट को लेकर आई है। इसने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम पर भी काफी असर डाला है। फोर्ब्स ने कहा, “पिछले साल की लिस्ट से सिर्फ 4 लोग इस बार लिस्ट से बाहर हुए हैं. इनमें पूर्व एडटेक स्टार बायजू रवींद्रन भी शामिल हैं।

स्टार्टअप की दुनिया में ऊंची उड़ान भरने वाले एडटेक बायजूस के संस्थापक बायजू रवींद्रन अर्श से फर्श पर आ गए हैं। उनकी कुल संपत्ति ₹17,545 करोड़ से शून्य हो गई। ‘दुनिया के सबसे अमीर’ की सूची में बायजू की दौलत का शून्य हो जाना स्टार्टअप के सामने आने वाली उथल-पुथल को दर्शाती है। Byju’s को 2011 में शुरू किया गया था। तब यह तेजी से तरक्की करने वाला भारत का स्टार्टअप बन गया। इसनें 2022 में 22 बिलियन डॉलर के हाइएस्ट वैल्युएशन का दावा किया था। बायजू रवींद्रन ने अपने इनोवेटिव लर्निंग ऐप के साथ एजुकेशन सेक्टर में क्रांति ला दी थी। Byju’s में प्राइमरी स्कूल से लेकर एमबीए स्टूडेंट्स को सर्विस दी जाती है। हालांकि, हालिया वित्तीय खुलासों और बढ़ते विवादों ने इस एडटेक कंपनी को काफी नुकसान पहुंचाया है।

कंपनी की मुश्किलें तब उजागर हुईं, जब Byju’s ने मार्च 2022 को खत्म होने वाले फाइनेंशियल ईयर के लिए अपने लंबे समय से पेंडिंग रिजल्ट जारी किए. इसमें 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नेट लॉस सामने आया। इस निराशाजनक फाइनेंशियल परफॉर्मेंस की वजह से बड़े इंवेस्टर ब्लैकरॉक ने Byju’s के वैल्युएशन को घटाकर मात्र 1 बिलियन डॉलर कर दिया। ये कंपनी के सबसे निचले वैल्युएशन को दिखाता है।

 

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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