Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

चुनाव के बाद आम आदमी को लगेगा महंगाई का झटका, बढ़ सकते हैं पेट्रोल और मोबाइल रिचार्ज के दाम

Published

on

Loading

नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव के बाद पेट्रोल और मोबाइल रिचार्ज की कीमतें बढ़ सकती हैं। इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के प्राइस ऊंचाई पर बने हुए हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता का माहौल है। इजराइल और हमास के बीच युद्ध, रूस और यूक्रेन का युद्ध नहीं रुकना और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर की गई घोषणा के साथ-साथ ओपेक देशों ने क्रूड ऑयल प्रोडक्शन को घटाने का ऐलान किया है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर पड़ना तय है।

वहीं अब एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव के बाद मोबाइल रिचार्ज प्लान्स की कीमत 15 से 17 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। देश में 19 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव है. इसके बाद सात चरणों में एक जून तक आम चुनाव पूरे होने है। इसके बाद 4 जून को मतगणना होगी और नई सरकार का गठन होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव के बाद टेलीकॉम इंडस्ट्री शुल्क में बढ़ोतरी का फैसला ले सकती है।
भारती एयरटेल को इसका सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है। उम्मीद है कि चुनाव के बाद इंडस्ट्री शुल्क में 15-17 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेगी. देश में आखिरी बार दिसंबर 2021 मोबाइल रिचार्ज प्लान चेंज हुए थे। तब शुल्क में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी।

भारत की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी एयरटेल के लिए प्रति ग्राहक औसत कमाई (एआरपीयू) का खाका पेश करते हुए ब्रोकरेज नोट में कहा गया कि भारती का मौजूदा एआरपीयू 208 रुपये वित्त वर्ष 2026-27 के अंत तक 286 रुपये तक पहुंचने की संभावना है. इसलिए उम्मीद की जाती है कि भारती एयरटेल का ग्राहक आधार प्रति वर्ष करीब दो प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जबकि उद्योग में प्रति वर्ष एक प्रतिशत की वृद्धि होगी।

इसमें ग्राहक आधार पर कहा गया कि वोडाफोन आइडिया की बाजार हिस्सेदारी सितंबर 2018 के 37.2 प्रतिशत से घटकर दिसंबर, 2023 में करीब आधी यानी 19.3 प्रतिशत रह गई है। भारती की बाजार हिस्सेदारी इस दौरान 29.4 प्रतिशत से बढ़कर 33 प्रतिशत हो गई है। जियो की बाजार हिस्सेदारी इस दौरान 21.6 प्रतिशत से बढ़कर 39.7 प्रतिशत हो गई है।

Continue Reading

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

Published

on

Loading

नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

Continue Reading

Trending