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प्रादेशिक

आंध्र प्रदेशः कोविड वैक्सीन लगवाने के बाद महिला को आया बुखार, और फिर….

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पुलिवेंदुला। आंध्र प्रदेश में कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला में कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बड़ा बुखार की चपेट में आई एक महिला की मौत हो गई। मृतक टी. नारायणम्मा आंगनवाड़ी शिक्षिका थी।

उन्हें स्थानीय सरकारी अस्पताल में कोविड-19 वैक्सीन लगाई गई थी। वैक्सीन लगने के बाद दूसरे दिन ही नारायणम्मा को बुखार चढ़ गया था। इसके बाद उन्हें उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डॉक्टरों ने जांच की गई तो उन्हें टाइफाइड बुखार पाया गया, जिसके बाद उन्हें कडप्पा के रिम्स अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि, वह घर लौट आई, क्योंकि वह रिम्स में बुखार से उबर नहीं पाई थी। नारायणम्मा की गुरुवार रात घर लौटने के एक घंटे के भीतर मृत्यु हो गई। अब उनके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि उनकी मृत्यु इसलिए हुई है, क्योंकि वैक्सीन विफल रही है।

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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