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लीबिया से 2 तेलुगू शिक्षक मुक्त कराए गए

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सुषमा

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सुषमाहैदराबाद| लीबिया में सालभर पहले अगवा किए गए दो तेलुगू शिक्षकों को मुक्त करा लिया गया है। इसकी जानकारी गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी। विदेश मंत्री की यह घोषणा दोनों तेलुगू शिक्षकों के परिवार वालों के लिए बड़ी राहत लेकर आई, जो पिछले एक साल से उनकी सुरक्षित वापसी की प्रार्थना व प्रतीक्षा कर रहे थे।

सुषमा ने ट्वीट कर कहा, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि लीबिया में 29 जुलाई 2015 को अगवा किए गए टी गोपालकृष्णा (आंध्र प्रदेश) और सी. बलराम किशन (तेलंगाना) को मुक्त करा लिया गया है।”

गोपालकृष्णा और बलराम किशन सिर्ते विश्वविद्यालय में शिक्षक थे। उन्हें भारत लौटने के लिए त्रिपोली हवाईअड्डे जाते वक्त इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों ने रास्ते से अगवा किया गया था। सिर्ते लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मार गद्दाफी का गृहनगर रहा है।

मुक्त कराए गए दोनों तेलुगू शिक्षकों के परिवार वालों को यह खुशखबरी गणेश विसर्जन के दिन मिली, जिसके बाद उन्होंने मिठाइयां बांटी और भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया। गोपालकृष्णा की पत्नी कल्याणी ने बताया कि उनके पति ने उन्हें बुधवार रात फोन कर बताया कि वह सुरक्षित मुक्त हो गए हैं।

गोपालकृष्णा सिर्ते विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर थे। वह आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में तेक्काली से ताल्लुक रखते हैं, जबकि बलराम किशन पेशे से अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं और सिर्ते विश्वविद्यालय में ही पढ़ाते थे। वह तेलंगाना के करीमनागर जिले से हैं। इन दोनों शिक्षकों के परिवार के सदस्यों ने बताया कि अभी उन्हें आधिकारिक तौर पर उनकी वापसी के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।

आईएस ने इस दिन कुल चार भारतीयों को अगवा किया था, जिनमें से दो को कुछ दिन बाद ही रिहा करा लिया गया था। ये दोनों भारतीय लक्ष्मीकांत और विजय कुमार कर्नाटक से थे। तेलंगाना के प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री के.ताराकर्म राव ने दोनों को मुक्त कराने के लिए ट्वीट कर सुषमा स्वराज को धन्यवाद दिया।

नेशनल

राजनाथ सिंह ने लखनऊ लोकसभा सीट से दाखिल किया नामांकन, सीएम योगी भी रहे मौजूद

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लखनऊ। केंद्रीय रक्षा मंत्री और लखनऊ लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार राजनाथ सिंह ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे।

राजनाथ सिंह लगातार तीसरी बार लखनऊ से चुनाव मैदान में हैं. वे यहां से 2014 और 2019 में भी चुनाव जीत चुके हैं.। लखनऊ सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। यहां से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (1991, 1996, 1998, 1999 और 2004) में सांसद चुने गए। 2009 में इस सीट से बीजेपी के लालजी टंडन से जीत हासिल की। इससे पहले 1989 में जनता दल के मांधाता सिंह जनता दल के टिकट पर सांसद चुने गए थे।

इससे पहले नामांकन के लिए राजनाथ सिंह का रोड शो लखनऊ के भाजपा कार्यालय से शुरू हुआ और वह सैकड़ों की संख्या में अपने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता बेहद उत्साहित रहे और तीसरी बार उनकी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आए। लखनऊ में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा। समाजवादी पार्टी ने इस सीट से रविदास मेहरोत्रा ​​को मैदान में उतारा है।

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