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मायावती के भतीजे आकाश आनंद पर FIR दर्ज, तालिबान से की थी योगी सरकार की तुलना
लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने रविवार को एक चुनावी रैली में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तुलना तालिबान से कर दी। अब प्रशासन ने इस मामले में कड़ा एक्शन लेते हुए आकाश आनंद और अन्य के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
आकाश आनंद के अलावा सीतापुर से बसपा प्रत्याशी महेंद्र यादव, मिश्रिख से बीआर अहिरवार, लखीमपुर खीरी से अंशय कालरा, मोहनलालगंज से राजेश उर्फ मनोज प्रधान और धौरहरा से श्याम किशोर अवस्थी तथा बसपा जिला अध्यक्ष विकास राजवंशी के विरुद्ध पुलिस ने शहर कोतवाली में 171सी 153बी, 505 तथा आरपी एक्ट की धारा 125 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। आकाश आनंद पर हिंसा भड़काने की कोशिश करने और असंसदीय भाषा का प्रयोग करने का आरोप है।
दरअसल, मायावती के भतीजे आकाश जोर शोर से पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव के प्रचार में लगे हुए हैं। इसी क्रम में रविवार को सीतापुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने योगी सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए और इसकी तुलना तालिबान से कर दी। आकाश ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश सरकार बुलडोजर सरकार और देशद्रोहियों की सरकार है। जो पार्टी अपने युवाओं को भूखा छोड़ती है और अपने बुजुर्गों को गुलाम बनाती है, वह आतंकवादी सरकार है। अफगानिस्तान में तालिबान ऐसी सरकार चलाता है।
आकाश आनंद यहीं नहीं रुके और उन्होंने उत्तर प्रदेश अपराध अभिलेख ब्यूरो रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि यूपी की भाजपा सरकार महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है। पुलिस के अनुसार संबंधित रैली के दौरान हिंसा भड़काने और असंसदीय भाषा वाले भाषण दिए गए और यह आचार संहिता का उल्लंघन है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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