Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

‘भारत में स्वाइन फ्लू वायरस पहले से अधिक खतरनाक’

Published

on

वाशिंगटन,स्वाइन-फ्लू,एच1एन1,एमआईटी,स्वास्थ्य-विभाग,वायरस,शशिशेखरन,हेमाग्लुटिनिन

Loading

वाशिंगटन | स्वाइन फ्लू या इंफ्लुएजा ए (एच1एन1) वायरस भारत में इस समय पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक रूप धारण कर चुका है। स्वाइन फ्लू से अब तक 1,500 लोगों की मौत हो चुकी है और 27,000 लोग इससे संक्रमित हैं।

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से जुड़े भारतीय मूल के वैज्ञानिकों ने एक शोध के आधार पर यह दावा किया। शोध नतीजा विज्ञान पत्रिका ‘सेल होस्ट एवं माइक्रोब’ में प्रकाशित हुआ है, जिसमें भारतीय स्वास्थ्य विभाग की उस रपट का खंडन किया गया है, जिसके मुताबिक वर्ष 2009 में अस्तित्व में आए एच1एन1 का स्वरूप नहीं बदला है। वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि एच1एन1 वायरस में बीते सालों में बदलाव हुए हैं और अब यह पहले की अपेक्षा काफी तेजी से फैल रहा है और इसलिए इस वायरस के बारे में और ज्यादा अध्ययन करने की आवश्यकता है।

एमआईटी के राम शशिशेखरन ने कहा, “हम बड़ी मुश्किल और संकट की स्थिति मे हैं, जहां हमें खतरे के बारे में बहुत सीमित जानकारी है और कई भ्रांतियां हैं।” उन्होंने कहा, “यदि आप समय के साथ इस पर नजर रखते हैं, संगठित होते हैं और जानकारियां एकत्र करते हैं, तभी आप वायरस से लड़ने के लिए एक बेहतर रणनीति के साथ तैयार हो पाते हैं।” शशिशेखरन और एमआईटी के शोधकर्ता कानन तारकरमन ने 2009 में प्रकाश में आए एच1एन1 वायरस के आनुवांशिक कारकों का अध्ययन और तुलना की, जिसके शिकार 2009 से 2012 के बीच करीब 18,000 लोग हुए थे।

शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत में मौजूदा समय में फैल रहा एच1एन1 वायरस पहले से कहीं ज्यादा विकसित हो गया है, इसके हेमाग्लुटिनिन प्रोटीन में बदलाव देखा गया है, जिसने वायरस को पहले से ज्यादा उग्र बना दिया है। शशिशेखरन ने कहा, “अभी नए एच1एन1 वायरस के बारे में और अधिक शोध करने और जानकारी जुटाने की आवश्यकता है।” नए वायरस के बारे में और अधिक शोध तथा जानकारी से लोक स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बात का पता लगाने में मदद मिलेगी कि कौन सी दवा इस समय ज्यादा कारगर होगी। इससे अगली बार के लिए अधिक विकसित दवा पहले से तैयार करने में भी सहायता मिलेगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

Published

on

Loading

इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

Continue Reading

Trending