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अन्तर्राष्ट्रीय

इंडोनेशिया में सैन्य विमान दुर्घटनाग्रस्त, 30 मरे

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जकार्ता | इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के मेडन शहर में मंगलवार को एक रिहायशी इलाके में हरक्यूलिस सी-130 सैन्य मालवाहक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा प्रांत की राजधानी मेडन में चालक दल के 12 सदस्यों को लेकर जा रहा विमान अपराह्न 12.14 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

दुर्घटना में चालक दल के सदस्यों की भी मौत हो गई। शवों को एडम मलिक अस्पताल भेज दिया गया है। समाचार चैनलों पर प्रसारित किए गए वीडियो फुटेज में दिखाया गया है कि मृतकों के शव एंबुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाए गए। इस हादसे में बुरी तरह झुलसे दो व्यक्तियों को बचा लिया गया है। इंडोनेशियाई वायुसेना के कमांडर एयर मार्शल आगस सुप्रितना ने एक साक्षात्कार में संकेत दिया है कि विमान में खराबी आने के कारण यह दुर्घटना हुई। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, शहर के एडम मिलक अस्पताल की प्रवक्ता सैरी सारागीह ने कहा है कि अभी तक 20 शव अस्पताल लाए गए हैं। रपटों में कहा गया है कि चूंकि विमान घनी आबादी वाले क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, इसीलिए हादसे दर्जनों लोगों के मारे जाने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि दुर्घटना से पहले विमान के चालक ने छावनी लौटने की मांग की थी। आगस ने कहा, “दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले विमान में कुछ खराबी आ गई थी। हवाई यातायात नियंत्रक (एटीसी) के साथ विमान के चालक की बातचीत से यह साबित किया जा सकता है।” उन्होंने बताया कि विमान का निर्माण 1964 में हुआ था और उसका परिचालन स्क्वाड्रन-31 द्वारा किया जा रहा था।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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