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शहाबुद्दीन के जेल ट्रांसफर पर सुनवाई पूरी, फैसला कल

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सांसद मो. शहाबुद्दीन, पत्रकार राजदेव रंजन, सीबीआई, आईजी, राजद, जेल, सुप्रीम कोर्ट

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सांसद मो. शहाबुद्दीन, पत्रकार राजदेव रंजन, सीबीआई, आईजी, राजद, जेल, सुप्रीम कोर्ट

shahabuddin supreme court

पटना। राजद के बाहुबली पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को बिहार की सिवान जेल में रखा जाय या दिल्‍ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जाय इस पर देश की शीर्ष अदालत कल फैसला सुना सकती है।

बिहार के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड और चर्चित तेजाब कांड समेत दो दर्जन संगीन अपराधों के आरोपी शहाबुद्दीन को सिवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल शिफ्ट करने के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई।

शहाबुद्दीन के वकील की ओर से अपना पक्ष रखने के बाद आज कोर्ट ने सीबीआई का पक्ष सुना और अब कल इस मामले में अहम फैसला सुना सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर दोनों पक्षों की दलील सुना है और अब फैसला सुना सकता है। इस फैसले का सबको बेसब्री से इंतजार है कि शहाबुद्दीन अब बिहार के जेल में रहेंगे या तिहाड़ जेल में शिफ्ट किए जाएंगे?

 

आज सीबीआई ने रखा पक्ष

इस संबंध में दायर याचिकाओं पर पिछले हफ्ते से लगातार सुनवाई चल रही है और कोर्ट इस मामले के सभी बिंदुओं पर गौर करते हुए ही फैसला देगा। इसीलिए इस फैसले में विलंब हो रहा है। बता दें कि तमाम दलीलों के साथ शहाबुद्दीन के वकील ने मंगलवार को अपनी बहस पूरी कर ली और अब आज कोर्ट के समक्ष सीबीआइ ने अपना पक्ष रखा।

आशा रंजन और चंदा बाबू ने जेल ट्रांसफर की मांग की है
विदित हो कि पत्रकार सिवान के राजदेव रंजन हत्याकांड में पत्नी आशा रंजन तथा तेजाब व गवाह हत्याकांड में पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद (चंदा बाबू) ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा कर शहाबुद्दीन को सिवान जेल से स्थानांतरित करने की मांग रखी है। उन्होंने शहाबुद्दीन के मुकदमों को भी दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह कोर्ट से किया है।

शहाबुद्दीन के जेल व उनके मुकदमों के ट्रांसफर की बाबत बिहार सरकार ने अपनी अनापत्ति कोर्ट को दे दी है। पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ ने भी इस बाबत अपनी अनापत्ति दर्ज कर दी है। हालांकि, शहाबुद्दीन के वकील ने इसका विरोध किया है।

शहाबुद्दीन ने राज्य सरकार पर लगाया आरोप

सिवान की जेल में बंद राजद के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन ने खुद के जेल ट्रांसफर मामले का विरोध करते हुए कहा कि उन पर आरोप लगाया जा रहा है कि वे जेल में रह कर मामले को प्रभावित कर सकते हैं।

अगर ऐसा है तो क्या राज्य में कानून और जेल व्यवस्था फेल हो गई है। फिर तो ये केस अनुच्छेद 356 में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का है। क्योंकि याचिकाकर्ता की बात मानी जाए तो बिहार में जेल और कानून व्यवस्था नहीं है।

 

राज्य सरकार से मांगा जवाब

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस सबका जवाब देना चाहिये। शहाबुद्दीन के वकील ने कहा कि शहाबुद्दीन ने एक अर्जी दाखिल की है और मामले में जांच कराने की मांग की है और इसकी जांच करा ली जानी चाहिये। नाफड़े ने शहाबुद्दीन को दिल्ली स्थानांतरित करने का विरोध करते हुए कहा कि कानून के मुताबिक कोर्ट ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि जेल राज्य का विषय है।

इसके अलावा उस पर 45 मामले में हैं जिसमें अन्य अभियुक्त भी हैं और वे कोर्ट के सामने नहीं हैं। बड़ी संख्या मे गवाह है अगर मामला स्थानांतरित किया गया तो सुनवाई में देरी होगी। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट को कोई शंका है तो वह राज्य के आईजी स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को निगरानी सौेंप दे उनसे रिपोर्ट ले।

 

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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में दो आतंकियों को किया ढेर

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बारामूला। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चल रही गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि एक नागरिक और दो सैनिक घायल हो गए। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक लश्कर का डिवीजनल कमांडर उस्मान और आतंक का पर्याय बने लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ के कमांडर बासित डार के फंसे होने की संभावना है। रात 12:30 बजे आतंकियों ने घेरा तोड़ भागने का प्रयास किया और उसके बाद दोनों ओर से गोलाबारी शुरू हुई है। बीते 48 घंटे में उत्तरी कश्मीर में आतंकियों व सुरक्षाबल के बीच दूसरी मुठभेड़ है।

इससे पूर्व मंगलवार को बांडीपोरा के रेंजी अरागाम में मुठभेड़ में भी दो सैन्यकर्मी घायल हुए थे। पुलिस को गुरुवार दोपहर बाद पता चला कि स्वचालित हथियारों से लैस दो-तीन आतंकी सोपोर में किसी जगह अपने संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। ये आतंकी चुनाव के दौरान किसी वारदात को अंजाम देने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने सोपोर और उसके साथ सटे इलाकों में मुखबिरों को सक्रिय किया। शाम सात बजे के करीब जब सुरक्षाबल तलाशी लेते हुए चक मोहल्ले में आगे बढ़ रहे तो मस्जिद से कुछ ही दूरी पर स्थित एक मकान में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया।

जवानों ने जवाबी फायर कर आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। जवानों ने आतंकियों की गोलीबारी के बीच ही आसपास के मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान फारूक अहमद नामक एक स्थानीय नागरिक के कंधे पर गोली लगी, जिससे वह जख्मी हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह एक लैब टैक्निशियन है। इस भिड़ंत में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है

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