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कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की जांच की मांग वाली याचिका नहीं सुनेगा SC

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Mathura: SC relief to encroachers near Krishna Janmabhoomi, ban on campaign

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 1989 में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की एसआईटी से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। यह याचिका नरसंहार में मारे गए टीका लाल टपलू के बेटे आशुतोष टपलू ने दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर आशुतोष टपलू ने यह याचिका वापस ले ली। शीर्ष कोर्ट ने टपलू से कहा कि वे यह मांग उपयुक्त मंच पर करें। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मामले में सही उपाय के बारे में पता करने के लिए भी कहा है।

कश्मीर में आतंकवादी के हाथों मारे गए टीका लाल टपलू के बेटे आशुतोष टपलू की तरफ से दायर याचिका में शीर्ष न्यायालय से कश्मीरी पंडितों की हत्या और पलायन के मामले में जांच की मांग की गई थी।

याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि इस तरह की याचिकाओं को पहले भी खारिज किया जा चुका है। इस साल मार्च में भी एक कश्मीरी पंडित संगठन की तरफ से शीर्ष न्यायालय के साल 2017 के आदेश के खिलाफ क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की गई थी। उस आदेश में कोर्ट ने 1989-90 और बाद के सालों के दौरान कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर जांच की याचिका को खारिज कर दिया था।

‘रूट्स इन कश्मीर’ की तरफ से दायर याचिका में SC के उन आदेशों का जिक्र किया गया था, जिसमें 24 जुलाई 2017 को रिट याचिका और 25 अक्टूबर 2017 को समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने ये याचिकाएं इस आधार पर खारिज की थीं कि मामले को 27 साल से ज्यादा का समय हो चुका है और इस बात की संभावनाएं कम हैं कि सबूत उपलब्ध हो।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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