Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

SC का स्पष्ट कथन- जिला स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान करना कानून के विपरीत

Published

on

SC gave these instructions regarding the decision of demonetisation

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि जिला स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान करना कानून के विपरीत है क्योंकि धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों पर विचार राज्य स्तर पर होना चाहिए। न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति एसआर भट्ट की पीठ ने यह टिप्पणी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम-1992 को चुनौती देने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की है।

‘इस याचिका पर सुनवाई नहीं की जाएगी’

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में शीर्ष अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह केंद्र को निर्देश दे कि जिला स्तर पर अल्पसंख्यकों को परिभाषित करे और उनकी पहचान के लिए दिशानिर्देश जारी करे।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता से दो टूक कहा कि इस याचिका पर सुनवाई नहीं की जाएगी। पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कानून के विपरीत है। इतना ही नहीं अपनी मौखिक टिप्पणी में सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 में आए टीएमए पाई फैसले का संदर्भ दिया।

पीटीआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका मथुरा निवासी देवकीनंदन ठाकुर ने दायर की थी। याचिका में कहा गया कि टीएमए पाई मामले में आए फैसले से कानूनी स्थिति एकदम स्पष्ट है कि भाषायी और धार्मिक अल्पसंख्यक तय करने के लिए इकाई राज्य होगा।

अधिवक्ता आशुतोष दुबे के जरिए दायर याचिका में 23 अक्टूबर 1993 को सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर जारी अधिसूचना को मनमाना, अतार्किक और संविधान के अनुच्छेद 14,15,21,29 और 30 का विरोधाभासी करार देने का अनुरोध किया गया था।

इससे पहले 18 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता के इस तर्क पर सवाल किया था कि हिंदुओं को उन राज्यों में अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिल रहा है जहां वे अल्पसंख्यक हैं।

शीर्ष अदालत ने पूछा था कि क्या इस दावे के पक्ष में ठोस उदाहरण है। अदालत ने तब कहा था कि अगर इस संबंध में कोई ठोस तथ्य उसके सामने पेश किया जाता है तो तब वह सुनवाई करेगी। वहीं अब सोमवार की सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता जिला स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान का अनुरोध कर रहा है लेकिन इसपर सुनवाई नहीं जा सकती।

पीठ को सूचित किया गया कि अलग अर्जी राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान करने के लिए दिशानिर्देश बनाने हेतु दायर की गई है। याचिका में दावा किया कि 10 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक है और यह मामला शीर्ष अदालत के एक अन्य पीठ के समक्ष लंबित है।

बता दें कि अदालत में लंबित अर्जी दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं में शामिल अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने शीर्ष अदालत को बताया कि कुछ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। पीठ ने टिप्पणी की कि वह इस संबंध में आम निर्देश नहीं जारी कर सकती। शीर्ष अदालत ने कहा कि ठाकुर द्वारा दायर अर्जी को अन्य लंबित याचिका के साथ सितंबर के पहले में उचित अदालत के समक्ष सूबीबद्ध किया जाएगा।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

Published

on

Loading

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

Continue Reading

Trending