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नेशनल

हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए : आडवाणी

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लोकसभा, भाजपा, लालकृष्ण आडवाणी, सुमित्रा महाजन, संसद, जे.जयललिता

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लोकसभा, भाजपा, लालकृष्ण आडवाणी, सुमित्रा महाजन, संसद, जे.जयललिता

लालकृष्ण आडवाणी

नई दिल्ल  | लोकसभा की कार्यवाही में लगातार बाधा से नाराज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बुधवार को यह जानने की मांग की कि इतने हंगामे के बीच लोकसभा के संचालन की मंजूरी क्यों दी जा रही है? बुधवार को अपराह्न एक बजे से पहले सदन की कार्यवाही जैसे ही स्थगित हुई,

सामान्य तौर पर शांत रहने वाले आडवाणी अपनी सीट पर खड़े हो गए और संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार से पूछा कि सदन का संचालन आखिर कौन कर रहा है। आडवाणी के इस रुख से भाजपा के अन्य सदस्य अवाक रह गए। आडवाणी यह कहते हुए सुने गए कि न तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और न ही संसदीय मामलों के मंत्री का हालात पर नियंत्रण नजर आ रहा है।

सदन में विपक्ष द्वारा नोटबंदी के मुद्दे से संबंधित नारे लगाने के बावजूद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा बुधवार को प्रश्नकाल तथा शून्यकाल जारी रखने के बीच आडवाणी की यह कड़ी टिप्पणी सामने आई है।

संसद के सबसे सम्मानीय सांसदों में गिने जाने वाले आडवाणी ने कहा, “न तो अध्यक्ष और न ही संसदीय मामलों के मंत्री सदन का संचालन कर रहे हैं।”

अनंत कुमार द्वारा उन्हें शांत करने के प्रयासों के बीच आडवाणी ने कहा, “मैं अध्यक्ष से यह कहने जा रहा हूं कि वह सदन का संचालन नहीं कर रही हैं। विपक्ष तथा सरकार, दोनों ही सदन को संचालित करने में अक्षम हैं।”

उन्होंने पूछा कि लोकसभा की कार्यवाही कब तक के लिए स्थगित हुई है। जब उन्हें बताया गया कि अपराह्न दो बजे तक के लिए, तो भाजपा के दिग्गज ने कहा, “अनिश्चितकाल के लिए क्यों नहीं?”

अवाक नजर आ रहे अनंत कुमार से आडवाणी ने कहा कि या तो लोकसभा को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं या उनके साथ शांति बनानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हंगामे व नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए, क्योंकि भारतीय संसद के बारे में इससे सकारात्मक संदेश नहीं जाएगा।

बीते 16 नवंबर को शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन से ही लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण लगातार बाधित होती आ रही है। कूच बिहार से सांसद रेणुका सिन्हा को श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा की पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।

मंगलवार को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। इन दो दिनों के अलावा, शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में हर दिन हंगामा हुआ है। विपक्ष मतदान के प्रावधान के साथ नोटबंदी पर चर्चा करने की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है। सरकार हालांकि चर्चा के लिए राजी है, लेकिन वह मतदान नहीं चाहती।

नेशनल

बसपा ने जौनपुर से धनंजय सिंह की पत्नी का काटा टिकट, पूर्व सांसद श्याम सिंह यादव होंगे उम्मीदवार

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी ने जौनपुर लोकसभा सीट से अपनी प्रत्याशी श्रीकला सिंह का टिकट काट दिया है। श्रीकला का टिकट कटने की पुष्टि बसपा जिलाध्यक्ष संग्राम भारती ने की है। हालांकि, इसकी क्या वजह है इस संबंध में उन्होंने शीर्ष नेतृत्व का फैसला बताते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि श्रीकला जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह की पत्नी हैं। धनंजय सिंह को हाल ही में कोर्ट से राहत मिलने के बाद जेल से बाहर आए हैं।

श्रीकला पहले ही बीएसपी उम्मीदवार के रूप में जौनपुर लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर चुकी हैं। श्रीकला की जगह पूर्व सांसद श्याम सिंह यादव जौनपुर सीट से बसपा के प्रत्याशी होंगे। वह जल्द ही नामांकन दाखिल करेंगे। बीजेपी ने जौनपुर से कृपा शंकर सिंह और सपा गठबन्धन ने बाबू सिंह कुशवाहा को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है।

धनंजय सिंह ने कुछ ही दिनों पहले जौनपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। हालांकि, इसी बीच जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें 7 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी को बसपा से टिकट मिला था। इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह को जमानत दे दी थी लेकिन सजा पर रोक से इनकार कर दिया था।

पूर्व सांसद धनंजय सिंह सजा पर रोक न लगने के कारण अभी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इसलिए बसपा की ओर से उनकी पत्नि श्री कला रेड्डी चुनावी मैदान में उतरी थीं। माना जा रहा था कि अब हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद धनंजय सिंह खुद पत्नी के लिए जौनपुर में प्रचार करने वाले थे। उन्होंने पत्नी श्रीकला को चुनाव लड़ने और जीतने के लिए शुभकामनाएं दी थीं।

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