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नेशनल

पूर्व एयर चीफ मार्शल की गिरफ्तारीः क्या अब चलेगी संसद

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पूर्व एयर चीफ मार्शल, एसपी त्यागी, अगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर, घोटाला, सीबीआई, वीवीआइपी

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पूर्व एयर चीफ मार्शल, एसपी त्यागी, अगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर, घोटाला, सीबीआई, वीवीआइपी

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नई दिल्‍ली। अगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले में पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद सवाल उठने लाजिमी हैं। यूपीए सरकार के दौरान हुए इस घोटाले में त्‍यागी के तमाम राजनैतिक आकाओं के फंसने की आशंका के बीच यह सवाल भी उठने लगा है कि क्‍या इस गिरफ्तारी के बाद संसद चलेगी?

नोटबंदी पर संसद में आक्रामक दिख रही कांग्रेस के तेवर क्या इसके चलते कुछ ढीले पड़ेगे?  क्या अब त्‍यागी के राजनीतिक आकाओं पर भी शिकंजा कसा जाएगा? क्या ये गिरफ्तारियां यूपीए की मुसीबतें बढ़ाने वाला है?

ये तमाम सवाल इसलिए अहम हो गए हैं क्योंकि इस घोटाले में सीबीआई जांच अब इसी दिशा में बढ़ती नजर आ रही है। जांच के दौरान सीबीआई को पता चला कि त्यागी भाइयों ने रिश्वत की रकम से प्रॉपर्टी खरीदने के मकसद से बेनामी फर्म बनाई थीं। ऐसी 5 बेनामी फर्म्स का सीबीआई को पता चला है। सीबीआई ने आरोपियों से पूछताछ के लिए सवालों की लिस्ट तैयार कर ली है।

दरअसल रिटायरमेंट के बाद एसपी त्यागी का दो बार इटली जाना सीबीआई को शुरू से ही खटक रहा था। उन दौरों की जांच में भी सीबीआई को अहम जानकारियां हाथ लगी हैं।

सीबीआई ने अपनी शुरुआती जांच में पाया था कि पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी ने अगुस्टा वेस्टलैंड सौदे में दलालों से रिश्वत ली थी। यह बात सामने आने के बाद से सीबीआई त्यागी की संपत्ति, बैंक और खासकर 2004-05 के बाद की प्रॉपर्टी की जांच कर रही थी।

आरोपियों पर लगभग 3,600 करोड़ रुपये में वीवीआइपी के लिए 12 हेलीकाप्टरों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए 423 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई ने एफआईआर में एसपी त्यागी पर आपराधिक षडयंत्र रचने और अपने पद का गलत फायदा उठाने का आरोप लगाया है।

सीबीआई के मुताबिक मिडलमेन गुइडो हास्चके और कार्लो गेरोसा ने त्यागी के भाइयों (जूली, डोकसा और संदीप) तक रिश्वत पहुचाई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस साल अप्रैल में एसपी त्यागी को समन भेजा था। मई में सीबीआई ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले के सिलसिले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी से कई दौर की पूछताछ की थी।

 

नेशनल

सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका- नहीं लौटेगा बैलेट पेपर, न EVM और VVPAT का 100 फीसदी मिलान

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट पर्ची से मिलान करने की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। बैलट पेपर की मांग वाली भी दो याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। कोर्ट के इस फैसले से ईवीएम के जरिए डाले गए वोट की वीवीपैट की पर्चियों से शत-प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है। ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति दे दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि चार को जून जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट की पर्च‍ियों से म‍िलान नहीं होगा। आपको बता दें क‍ि कई संगठनों ने यह याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग की गई थी कि ईवीएम पर मतदाताओं का विश्वास बनाये रखने के लिए वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गिनती करवाई जानी चाहिए।

चुनाव आयोग ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वीवीपैट की पर्चियां बहुत छोटी और महीन होती हैं। कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे, जिनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था।

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