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अन्तर्राष्ट्रीय

यूक्रेन मुद्दे पर ओबामा ने पुतिन से बात की

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वाशिंगटन | अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया और पूर्वी यूक्रेन में बढ़ रही हिंसा और रूस समर्थक अलगाववादियों को मॉस्को के लगातार सहयोग पर चर्चा की। व्हाइट हाउस की ओर से मंगलवार को जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा गया है, “राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संघर्ष में बढ़ रही मृतकों की संख्या को रेखांकित किया और मुद्दे के एक शांतिपूर्ण समाधान के लिए रूस, फ्रांस, जर्मनी और यूक्रेन के बीच जारी चर्चा के जरिए उपस्थित अवसर का राष्ट्रपति पुतिन द्वारा लाभ उठाने पर जोर दिया।”

ओबामा ने पुतिन से यह भी दोहराया कि अमेरिका यूक्रेन की संप्रभुता और अखंडता को समर्थन जारी रखेगा। ओबामा ने कहा कि यदि रूस यूक्रेन में अपनी आक्रामक कार्रवाई जारी रखता है, और अलगाववादियों को सैनिक, हथियार व वित्तीय मदद मुहैया कराता रहता है तो रूस को इसकी अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। ओबामा का इशारा यूरोपीय संघ और अमेरिका द्वारा लागू आर्थिक प्रतिबंधों की ओर था।

ओबामा ने पुतिन को फोन ऐसे समय में किया, जब यूक्रेन और रूस समर्थक अलगाववादी कुछ ही समय पहले इस बात पर सहमत हो गए थे कि बेलारूस के मिंस्क में आयोजित शांति वार्ता के दौरान वे संघर्ष विराम रखेंगे और भारी हथियारों को वापस ले लेंगे। दोनों राष्ट्रपतियों के बीच यह बातचीत बुधवार को बेलारूस की राजधानी मिंस्क में यूक्रेन, रूस, जर्मनी और फ्रांस के बीच आयोजित शिखर बैठक की भूमिका के रूप में थी। पुतिन से बात करने के कुछ समय पूर्व ओबामा ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको से बात की और मौजूदा शांति वार्ता में अपना जोरदार समर्थन जताया।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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