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अन्तर्राष्ट्रीय

राष्ट्रपति जेलेंसकी ने की रूस के बातचीत का प्रस्ताव किया खारिज, रखी ये शर्त

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नई दिल्ली। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रविवार को बेलारूस में बातचीत करने के रूस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया, और इस मसले पर बातचीत के लिए बुडापेस्ट और वॉरसा सहित दूसरे वैकल्पिक शहरों का सुझाव दिया।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वलोडिमिर जेलेंस्की ने क्रेमलिन की ओर से वार्ता की घोषणा के तुरंत बाद अपने टेलीग्राम चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संबोधन में यह टिप्पणी करते हुए कहा कि एक रूसी प्रतिनिधिमंडल बेलारूस आ गया है और यूक्रेन के साथ गोमेल शहर में बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मिलने के लिए कोई और जगह तय होगी। बेशक, हम शांति चाहते हैं, हम मिलना चाहते हैं, हम युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं। वॉरसा, ब्रातिस्लावा, बुडापेस्ट, इस्तांबुल, बाकू हमने रूस को कई शहर के सुझाव दिए।

इससे पहले क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधियों सहित एक प्रतिनिधिमंडल बेलारूस पहुंच गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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