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कोयला घोटाला : सीबीआई अधिकारियों के बयान दर्ज

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नई दिल्ली| कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड (जेआईपीएल) की कथित संलिप्तता की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दो अधिकारियों के बयान दर्ज किए। विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने निरीक्षक संजय चेट्टियार तथा संजय सहगल के बयान दर्ज किए, जिन्होंने कहा कि वे उस दल का हिस्सा थे, जिसने आरोपी आर.सी. रुंगटा तथा आर.एस.रुं गटा के आवास परिसरों की तलाशी ली थी।

मामले की सुनवाई गुरुवार से जारी होगी।

मामला झारखंड में जेआईपीएल को उत्तरी धादू कोयला ब्लॉक आवंटन का है।

सीबीआई ने आरोप पत्र में कहा है कि जेआईपीएल ने कोयला ब्लॉक पाने के लिए इस्पात व कोयला मंत्रालय के समक्ष गलत तथ्य पेश किए और आवंटन के लिए मंत्रालय के अधिकारियों व अनुवीक्षण समिति को प्रेरित किया।

अदालत ने मामले में जेआईपीएल कंपनी तथा इसके दो निदेशकों आर.सी.रुं गटा व आर.एस.रुं गटा के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, जालसाजी व धोखाधड़ी के अपराध से जुड़ी धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं।

दोनों निदेशक फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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