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व्यापमं घोटाला : गवाह की बजाय उसका मृत्यु प्रमाण पत्र आया

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भोपाल,मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल,उत्तर प्रदेश के बलिया जिले,मेडिकल कॉलेज,एसटीएफ

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भोपाल | मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले से जुड़े एक और व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है। इस तरह यह बीते पांच दिनों में इस मामले से जुड़े लोगों की मौत की पांचवीं खबर है। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के संजय यादव को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने आरोपी से गवाह बनाया था। उसकी मौत लंबी बीमारी के बाद दो माह पहले ही हो चुकी है, लेकिन एसटीएफ ने बुधवार को अदालत में उसकी बजाय उसका मृत्यु का प्रमाण पत्र पेश किया। व्यापमं द्वारा वर्ष 2013 में आयोजित आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े में संजय आरोपी था। उस पर लोगों से पैसे लेकर भर्ती कराने का आरोप था। एसटीएफ ने उसे बाद में गवाह बना लिया था। एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, संजय ने हमीरपुर के तीन युवकों की भर्ती कराई थी। तीनों युवकों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है, जो इस समय जमानत पर हैं।

सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ के विशेष अपर सत्र न्यायाधीश बी.एस. भदौरिया की अदालत में बुधवार को इस मामले की सुनवाई थी और संजय की गवाही होना थी, लेकिन एसटीएफ ने उसकी बजाय उसका मृत्यु प्रमाण पत्र पेश किया। एसटीएफ ने बताया कि जब उनका दल सम्मन तामील करने संजय के घर पहुंचा तो उसके परिजनों ने उसका मृत्यु प्रमाण पत्र दिया। परिजनों के हवाले से बताया गया कि संजय भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती था और दो माह पहले उसकी मौत हो गई। यह व्यापमं घोटाले तथा इसकी जांच से किसी न किसी रूप में जुड़े लोगों की पिछले पांच दिनों में मौत की पांचवीं खबर है। बीते शनिवार को झाबुआ में कवरेज के दौरान टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई। अगले ही दिन रविवार को जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन अरुण शर्मा का शव दिल्ली के एक होटल में मिला। सोमवार सुबह सागर के जवाहर लाल नेहरू प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षणरत सब-इंस्पेक्टर अनामिका कुशवाहा ने तालाब में कूदकर आत्महत्या कर ली। सोमवार शाम ही टीकमगढ़ जिले के ओरछा थाने के आरक्षक का शव पंखे के सहारे झूलता मिला और अब गवाह संजय यादव की मौत का खुलासा हुआ है।

राज्य में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) इंजीनियरिग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा से लेकर वे सभी भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है, जो मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग आयोजित नहीं करता है। पुलिस सब इंस्पेक्टर, आरक्षक, रेंजर एवं शिक्षक आदि की नियुक्तियां इसके जरिये ही होती है। इन दाखिलों और भर्तियों में हुई गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद जुलाई 2013 में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। वर्तमान में हाईकोर्ट के निर्देश पर पूर्व न्यायाधीश चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) की देखरेख में विशेष कार्य बल (एसटीएफ ) इसकी जांच कर रहा है। एसटीएफ इस मामले में अब तक 21,00 लोगों को गिरफ्तार कर चुका है। वहीं, कथित तौर पर इससे जुड़े 49 लोगों की मौत हो चुकी है।

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15 दिन की पैरोल मिलने के बाद जेल से बाहर आए पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह, समर्थकों ने किया स्वागत

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पटना। पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह रविवार को पटना की बेऊर जेल से बाहर निकल गये हैं। गृह विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद अनंत सिंह को जेल से 15 दिनों की पैरोल मिली है। वह सुबह लगभग 4:00 बजे जेल से बाहर निकले।आनंद सिंह के जेल से बाहर निकलने की सूचना के साथ ही उनके समर्थकों में काफी उत्साह का माहौल है। अनंत सिंह लगभग 5 वर्षों से जेल में बंद है। अनंत सिंह पर एके 47 रखने का आरोप है, जिसके तहत कोर्ट ने उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई थी। तब से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना के बेउर जेल में सजायाफ्ता बंदी के रूप में सजा काट रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक़ आपसी पारिवारिक बंटवारे को लेकर अनंत सिंह ने न्यायालय में कोर्ट से पैरोल पर इसके लिए आदेश मांगा था। पेरोल पर आदेश मिलने के बाद आनंद सिंह को लेकर गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया था। रविवार की अहले सुबह जब अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल पर बेउर जेल से बाहर निकाला जा रहा था, उस समय जेल के बाहरी एवं भीतरी सुरक्षा को चुस्त दुरुस्त कर दिया गया था।

अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह वर्तमान में राजद के विधायक हैं। बिहार में वर्तमान में लोकसभा का चुनाव चल रहा है। चौथे चरण 13 में को बिहार के मुंगेर में लोकसभा के चुनाव का मतदान होना है। इसे लेकर भी अनंत सिंह के जेल से बाहर आने को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

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