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अन्तर्राष्ट्रीय

इस उम्र में लड़कियों को होती है सबसे ज़्यादा संबंध बनाने की इच्छा, काबू से हो जातीं हैं बाहर

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नई दिल्ली। एक लड़की के लिए जितना रोमांस और प्यार मायने रखता है, उतना ही शारीरिक संबंध भी मायने रखते हैं। हर लड़की चाहती है कि उसके और उसके पति के बीच की इंटिमेट लाइफ हमेशा सुखद रहे। लेकिन ज़रूरी नहीं कि लड़की की संबंध बनाने की इच्छा शादी के बाद ही हो। उम्र की एक निश्चित सीमा पार करने के बाद लड़कियां संबंध बनाने के लिए बेहद आतुर हो जातीं हैं। कई बार वो अपना आपा खो बैठती हैं और शादी से पहले संबंध बनाने के लिए पहल कर बैठती हैं।

जैसे ही लड़की 16 साल की उम्र पार करती है तभी से ही उसके मन में शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा पैदा हो जाती है। जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ती है, वो शादी करती है। उसके बाद महिला की संबंध बनाने की इच्छा और तेज होने लगती है। 20-22 साल की उम्र में लड़कियों और महिलाओं को सबसे ज्यादा शारीरिक संबंध बनाना पसंद होता हैं।

एक रिसर्च में सामने आया है कि 35-40 की उम्र में जाकर महिलाओं की कामुक शक्ति कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है। इस उम्र में महिलाएं संबंध बनाने को काफी उत्तेजित रहती हैं। इसी के साथ सर्वे में ये भी बात सामने आई है कि महिलाएं 28 की उम्र में सेक्स करने की क्षमता को काफी एन्जॉय करते हैं और पुरुष 31 साल की उम्र में संबंध बनाने में काफी रूचि रखते हैं। इस यह में पाया गया कि ज्यादातर महिलाओं ने यह माना है कि 35 साल की उम्र में संबंध बनाना काफी आनंदित होता है।

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पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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