Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

Dhanteras 2018: जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, राशि के अनुसार इस दिन क्या खरीदें

Published

on

Loading

साल के सबसे मोस्ट अवेटेड त्यौहार दिवाली की सेलिब्रेशन शुरू हो चुकी है। हर तरफ दिवाली का उल्लास दिखाई पड़ रहा है। एक दूसरे को दिवाली पर गिफ्ट देने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। लेकिन, दिवाली से ठीक पहले एक ऐसा भी महत्वपूर्ण दिन है जो लक्ष्मी जी का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। आपको बता दें कि दिवाली से ठीक एक दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन की देवी के उत्सव का प्रारंभ होने के कारण इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहे इसलिए इस दिन इनकी पूजा की जाती है। इस बार धनतेरस 5 नवंबर यानी कल है। आइए जानते हैं धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त, धनतेरस की पूजा के बारे में और राशि अनुसार खरीदारी।

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त –
सुबह 07:07 से 09:15 बजे तक
दोपहर 01:00 से 02:30 बजे तक
रात 05:35 से 07:30 बजे तक

ऐसे करें धनतेरस की पूजा –
सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी की फोटो स्थापित करें।
चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें।
भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें।
हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।

पूजा के समय इस मंत्र का करें जप –
देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि

राशि अनुसार करें खरीदारी –
मेष राशि – चांदी के बर्तन एवं इलेक्ट्रानिक सामान खरीदना लाभदायक रहेगा।
वृष राशि – चमकीले वस्त्र चांदी अथवा ताबें के बर्तन खरीदना शुभ रहेगा।
मिथुन राशि – सोने के आभूषण, केसर, वाहन, खरीदना शुभ रहेगा।
कर्क राशि – चांदी के आभूषण, सिक्के एवं घरेलू इलैक्ट्रिक सामान खरीदना उत्तम रहेगा।
सिंह राशि – ताबें, कांसे के बर्तन,कपड़े एवं सोने की कोई चीज खरीदना शुभ रहेगा।
कन्या राशि – गणेश जी की मरगज की मूर्ति, चांदी का सामान अथवा रसोई का सामान खरीदना शुभ रहेगा।
तुला राशि – सौन्दर्य का सामान, चांदी के बर्तन, सिक्के या सोने का सामान, अथवा सजावटी सामान खरीदना शुभ फलदायक रहेगा।
वृश्चिक राशि – इलैक्ट्राॅनिक उपकरण सोने के आभूषण खरीदना शुभ रहेगा।
धनु राशि – सुगंधित सामान, सोने के सिक्के, आभूषण अथवा सोने का सामान खरीदना शुभ रहेगा।
मकर राशि – वाहन, कपड़े, चांदी के बर्तन, आभूषण खरीदना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि – प्रसाधन के सामान, दो पहिया वाहन, सौन्दर्य प्रसाधन का सामान खरीदना शुभ होगा।
मीन राशि – चांदी के सिक्के, सोना, चांदी के बर्तन एवं इलैक्ट्रानिक उपकरण खरीदना लाभदायक रहेगा।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

Continue Reading

Trending