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जब एक फोन के बाद चली गई CBI डायरेक्टर की नौकरी!

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नई दिल्ली। घूसकांड के बाद सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच का विवाद सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया। दरअसल घूसकांड के बाद सीवीसी की सिफारिश पर सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को केंद्र सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया था जिसके बाद आलोक वर्मा पद से हटाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।

 

शुक्रवार को सर्वोच्च अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए सीवीसी से पूछा कि सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर क्यों भेजा गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी को 10 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। सीवीसी की यह जांच सुप्रीम कोर्ट के जज के निगरानी में होगी।

देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी में इस तरह के टकरार से पूरा देश हैरान है लेकिन क्या आपको पता है कि यह पहला मामला नहीं है जब सीबीआई के आला अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है। इससे पहले भी सीबीआई के बड़े अधिकारी को एक फोन की वजह से हटाया जा चुका है।

बात साल 1998 की तब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी उस समय वाजपेयी सरकार सीबीआई के तत्कालीन डायरेक्टर त्रिनाथ मिश्रा को पद से हटाया था। उस समय सीबीआई ने धीरूभाई अंबानी की कंपनी रिलायंस पर रेड डाली थी। 19 नवंबर, 1998 को सीबीआई के संयुक्त निदेशक डीएल लाल की अगुवाई में मुंबई के कफ परेड भवन और दिल्ली के ली मरेडियन होटल पर रेड डाली गई थी।

असल में उस समय सीबीआई यह पता लगाने के प्रयास में जुटी थी कि क्या भारत सरकार से जुड़ी कोई फाइल रिलायंस के ऑफिस में है या नहीं? सीबीआई को सूचना मिली थी कि सरकार के नीतिगत निर्णय से जुड़ी कोई फाइल रिलायंस कंपनी के पास है।

कंपनी के ठिकानों पर रेड डालने के बाद सीबीआई ने दावा किया था कि पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ी कुछ फाइल मौके से बरामद हुईं हैं। हालांकि, रिलायंस ने सीबीआई के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रिलायंस पर रेड के दौरान धीरूबाई अंबानी ने सीधे पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को फोन कर सीबीआई की शिकायत की थी।

अंबानी ने CBI को काबू में रखने की बात कही थी। जानकारी के अनुसार इस कार्रवाई से पहले सीबीआई के डायरेक्टर त्रिनाथ मिश्रा ने सरकार को कोई जानकारी नहीं दी थी, जिसके चलते उनको पद से हटा दिया गया था।

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कांग्रेस ने कर्नाटक को अपनी लूट का एटीएम बना दिया है: पीएम मोदी

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बागलकोट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कर्नाटक के बागलकोट में एक चुनावी सभा को संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कहा कि 2024 का चुनाव भारत का भविष्य तय करेगा। इन चुनावों का लक्ष्य एक विकसित भारत, एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना और देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बदलना है। यह आपका वोट ही है सब साकार करने में मदद कर सकता है। हमारा संकल्प भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है। मोदी का विजन क्लियर है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की तरक्की के लिए दिन रात काम करना पड़ता है। ये चुनाव विकसित भारत के संकल्प का चुनाव है। ये चुनाव आत्मनिर्भर भारत की सिद्धि का चुनाव है। हमारा संकल्प है कि आने वाले कुछ सालों में भारत विश्व की टॉप थ्री इकॉनोमी बने।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संकल्प है कि हम भारत को मैन्युफेक्चरिंग हब बनाएं। हम भारत को स्किल सेंटर बनाएंगे। ये संकल्प वैकेशन गुजारने वाले पूरा नहीं कर सकते, मौज मस्ती में जिंदगी गुजारने वाले ये काम पूरा नहीं कर सकते। इसके लिए तो विजन चाहिए और विजन के लिए जिंदगी चाहिए खपाने के लिए। जब विजन के लिए जीवन खपाते हैं और जब एक लक्ष्य को लेकर 24×7 दिन रात काम करते हैं तब जाकर के संकल्प सिद्ध होते हैं इसलिए मोदी का विजन भी क्लियर हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जिस कांग्रेस का एक मात्र काम सरकार में रहते हुए देश को लूटना है, उसे क्या आप इतने बड़े देश की जिम्मेदारी दे सकते हैं? पीएम मोदी ने जनसभा से पूरा कि जिस कांग्रेस का इतिहास देश को लूटने का रहा है क्या ऐसी कांग्रेस के हाथ में अब हम इतना बड़ा देश दे सकते हैं क्या? कांग्रेस ने 60 साल के अपने शासन में जो उनकी पहचान बनी है वो उनके पापों के कारण बनी है। कांग्रेस पार्टी ने यहां कर्नाटक को भी अपनी लूट का एटीएम बना दिया है।

पीएम ने कहा कि इतने कम समय में ही इन लोगों ने कर्नाटक का सरकारी खजाना खाली कर दिया। हालत ये हो गई है कि विधायकों मिलने वाली विधायक निधि का पैसा तक समय से नहीं मिल पा रहा है। यहां के सरकारी कर्मचारी मैं आपको अंदर की बात बताता हूं क्योंकि भारत सरकार के पास इनकी अंदरूनी जानकारियां होती हैं। मैं आपको चेतावनी और चौकाना चाहता हूं कि वो दिन दूर नहीं है जब कर्नाटक सरकार यहां के सरकारी मुलाजिमों को पैमेंट तक नहीं दे पाएगी। आपके बच्चे भूखे मर जाएं, ऐसे स्थिति ये लोग पैदा करके रखेंगे।

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