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बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा सुन फूटफूट रोने लगे आसाराम

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जोधपुर की एक अदालत ने मशहूर कथावाचक आसाराम बापू को नाबालिग से बलात्कार के मामले में आज दोषी करार दिया। जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अदालत के विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने यह फैसला सुनाया।

जज ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, इसके अतिरिक्त दूसरे दो आरोपियों शिल्पी और शरद को उनके गुनाह के लिए 20—20 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, आसाराम जब तक जिंदा है तब तक उन्हें जेल में ही रहना होगा। ये सुनकर आसाराम सिर पकड़कर फूटफूट कर रोने लगे।

इस फैसला बाद जोधपुर में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। जोधपुर में धारा 144 लागू की गई है।

आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक आसाराम  और चार अन्य सह-आरोपियों शिव, शिल्पी, शरद और प्रकाश के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था। इस फैसले पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई थीं। आसाराम के साधक अपने गुरु के लिए कल से ही हवन पर बैठ गए थे।

जानकार सूत्रों ने बताया कि अदालत ने शिल्पी (आश्रम की वॉर्डन) और शरद को भी दोषी ठहराया है, जबकि शिवा और प्रकाश को इस मामले में बरी कर दिया गया है।

पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था। आसाराम मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी मामलों की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हो गई थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा गया था।

आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है।

आसाराम बापू पर नाबालिग लड़की से रेप करने, गलत तरीके से बंदी बनाकर रखने, यौन उत्पीड़न और आपराधिक साजिश रचने जैसे आरोप हैं। आसाराम बापू के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामलों में मुकदमा चल रहा है। इनमें एक राजस्थान का है और दूसरा गुजरात का।

कोर्ट के फैसले पर आशाराम की प्रवक्ता नीलम दूबे ने कहा कि इस फैसले पर हम अपनी लीगल टीम से चर्चा करेंगे और आगे की योजना बनाएंगे। हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है।

शाहजहांपुर पीड़िता के पिता ने फैसले के बाद कहा कि, कोर्ट ने आशाराम को दोषी करार दिया, हमें न्याय मिल गया। हम उन सभी का धन्यवाद देते हैं जो इस संघर्ष अंतिम समय तक हमारे साथ रहे। और हम आशा करते हैं कि कोर्ट उन्हें सख्त से सख्त सजा देगी। मैं आशा करता हूं कि बाकियों को भी न्याय मिलेगा।

आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था।

आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया।

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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