जुर्म
जोधपुर: ईद और अक्षय तृतीया से पहले दो समुदाय में हुई झड़प, हुआ पत्थराव, इंटरनेट सेवाएं बंद
राजस्थान के जोधपुर शहर में बीती रात दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुई। जालोरी गेट पर झंडा उतार फेंकने व दूसरा झंडा लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ। इसके बाद दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालात काबू में किए। पथराव में डीसीपी भुवन भूषण यादव, एसएचओ अमित सिहाग सहित चार पुलिसकर्मी व कुछ मीडियाकर्मी भी घायल हुए हैं।
आज मनाए जा रहे ईद व अक्षय तृतीया के त्योहार की पूर्व रात हुए इस बवाल को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। पत्थरबाजी में कई लोगों के जख्मी होने की खबर है। शहर में माहौल तनावपूर्ण, लेकिन शांत है। जोधपुर जिला प्रशासन ने दोनों पक्षों के लोगों से सौहार्द कायम रखने और त्योहार शांतिपूर्वक मनाने की अपील की है।
विवाद की शुरुआत शहर के बालमुकंद बिस्सा सर्कल पर लगे एक झंडे को हटाए जाने व वहां दूसरे समुदाय का झंडा फहराने से हुई। जब कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई तो दोनों पक्षों के युवकों में झड़प हो गई। देखते-देखते पथराव शुरू हो गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को खदेड़ा। घटना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। जोधपुर जिला प्रशासन ने त्योहार के मौके पर तनाव और न फैले इसलिए एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। दोनों समुदायों के प्रमुख लोगों ने भी जनता से शहर में शांति बनाए रखने की अपील की है।
ईद की नमाज के लिए सुरक्षा बढ़ाई
जोधपुर प्रशासन ने मंगलवार सुबह पढ़ी जाने वाली ईद की नमाज के लिए सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। तनावग्रस्त जालोरी गेट चौराहे के पास बड़ी ईदगाह है, यहां सैकड़ों लोग नमाज पढ़ने आते हैं। पुलिस ने यहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि जोधपुर के जालौरी गेट इलाके में दो गुटों में झड़प से तनाव पैदा होना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन को हर कीमत पर शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। जोधपुर, मारवाड़ की प्रेम एवं भाईचारे की परंपरा का सम्मान करते हुए मैं सभी पक्षों से मार्मिक अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें एवं कानून-व्यवस्था बनाने में सहयोग करें।
जानिए कैसे शुरू हुआ विवाद?
पुलिस के अनुसार शनिवार-रविवार को जोधपुर शहर में परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में रैली निकाली गई थी। इस दौरान जालोरी गेट सर्कल पर लगाए गए थे। मंगलवार को मनाई जाने वाली ईद को लेकर समाज के लोगों ने इसी सर्कल पर झंडे लगाने की कोशिश की तो विवाद हो गया। हिंदूवादी संगठनों ने वहां आकर विरोध दर्ज कराते हुए नमाज के लिए लगाए गए लाउडस्पीकरों को पोल से उखाड़ फेंका। इसके बाद दोनों गुटों में विवाद हो गया। दोनों ओर से पत्थरबाजी शुरू हो गई।
चार मीडियाकर्मियों को पुलिस ने पीटा
उधर, पथराव व हिंसा की घटना का कवरेज करने वाले मीडियाकर्मी पुलिस के गुस्से का शिकार बन गए। पुलिसकमिर्यों ने चार मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की।
उत्तर प्रदेश
मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट
कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।
इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।
मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।
संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।
संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को
अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।
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