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अन्तर्राष्ट्रीय

व्हाइट हाउस पहुंचे बराक ओबामा को मिल गई सारी ‘लाइम लाइट’, अकेले घूमते दिखे राष्ट्रपति जो बाइडन

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अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर भले ही जो बाइडेन बैठे हैं, लेकिन तवज्जो आज भी उनके पूर्व बॉस यानी कि बराक ओबामा को ज्यादा मिलती है। बुधवार को कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला जब ओबामा एक प्रोग्राम के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे। जितने समय तक पूर्व राष्ट्रपति ओबामा वहां मौजूद रहे, हर कोई उनके आगे-पीछे घूमता रहा। बाइडेन अपने ही घर में बेगाने नजर आ रहे थे। बता दें कि बाइडेन को अमेरिकी राष्ट्रपति बने करीब 15 महीने हो गए हैं।

 

पूरे कार्यक्रम के दौरान अधिकांश समय जो बाइडेन अकेले घूमते रहे। व्हाइट हाउस का स्टाफ बराक ओबामा के स्वागत सत्कार में लगा रहा। इतना ही नहीं, जब ओबामा स्पीच देने के लिए स्टेज पर पहुंचे तो कुछ ऐसा कह गए, जो निश्चित तौर पर प्रेसिडेंट बाइडेन को पसंद नहीं आया होगा। ओबामा ने पहले बाइडेन को उपराष्ट्रपति कहा, फिर बाद में हंसकर गलती सुधारी।

प्रोग्राम के दौरान ओबामा स्टेज पर पहुंचे, यहां बाइडेन और कमला हैरिस भी मौजूद थे। ओबामा ने भाषण की शुरुआत में सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया। जब बाइडेन की बारी आई तो ओबामा ने कहा, ‘मिस्टर बाइडेन वाइस प्रेसिडेंट।’ इस पर व्हाइट हाउस में मौजूद हर शख्स ठहाके लगाने लगा। इसके बाद ओबामा ने मुस्कुराते हुए कहा कि इसे बस मजाक समझिए।

व्हाइट हाउस की इस घटना के बाद विपक्षी नेताओं के उन बयानों को बल मिलता है, जिसमें बराक ओबामा पर पर्दे के पीछे रहकर सरकार चलाने के आरोप लगाए गए हैं। रिपब्लिकन पार्टी के तमाम नेता कहते रहे हैं कि बाइडेन भले ही व्हाइट हाउस में रहते हों, लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन और पॉलिसीज की कमान बराक ओबामा के हाथ में है। कहा तो ये भी जाता है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी भी ओबाामा के कहने पर ही हुई थी। बता दें कि बाइडेन एयर ओबामा डेमोक्रेट पार्टी से हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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