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अन्तर्राष्ट्रीय

रूसी सेना से लोहा लेने शहर में रुका पिता, बेटी को अलविदा कहते ही रो पड़ा, वीडियो देख पसीज जाएगा दिल

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यूक्रेन रूस के हमले का सामना कर रहा है। हर तरफ तबाही का मंजर बना हुआ है। कहीं पर लोगों में अपनो को लेकर चिंता की लकीरें बनी हुई हैं तो कहीं जान बचाने के लिए लोग सुरक्षित जगह की तलाश में भागते नजर आ रहे हैं। रूसी सैनिकों के यूक्रेन पर हमले के बाद से सोशल मीडिया में लगातार घर छोड़ने और भागने के पोस्ट नजर आ रहे हैं। इस बीच यूक्रेन से एक भावुक कर देने वाला वीडियो सामने आया है।

वीडियो में एक यूक्रेनी व्यक्ति अपनी छोटी बेटी को गले लगाकर रोते हुए दिख रहा है। शख्स अपने बेटी को उस सेफ जोन में भेज रहा था जो रूसी हमलों से बचने के लिए नागरिकों के लिए बनाए गए थे। शख्स अकेले ही अपनी बेटी को सुरक्षित जगह पर भेज रहा था और वह वहां पर रुक कर रूसी सेना के आने पर उनके मुकाबला करेगा।

वीडियो को लेकर स्वतंत्र मीडिया न्यूज ईयू द्वारा साझा किए गए ट्वीट में कहा गया कि एक पिता ने अपने परिवार को सुरक्षित क्षेत्र में भेज दिया, अपनी छोटी बेटी को विदा करने से पहले वह फफक फफक कर रोया। पिता बेटी को विदा करके वहीं पर रुक गया ताकि वह रूसी सेना से लड़ सके। फिलहाल इस वीडियो के बारें यह नहीं पता चल सका है कि यह कहां का है।

यूक्रेन ने कहा कि रूसी सेना कीव के आसपास के क्षेत्र में पहुंचने में कामयाब रही और शहर के पास एक एयरबेस के लिए लड़ाई चल रही थी। समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि कीव के उत्तरी हिस्से में लोगों ने कई कम-उड़ान वाले हेलीकॉप्टरों को देखा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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