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अन्तर्राष्ट्रीय

रूस पूर्वी यूक्रेन में दमनात्मक कार्रवाई रोकेगा : पुतिन

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मॉस्को| रूस मध्य यूक्रेन के अधिकारियों को पूर्वी यूक्रेन में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और विरोधियों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई नहीं करने देगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जर्मन टेलीविजन चैनल एआरडी को दिए साक्षात्कार में यह बात कही। राष्ट्रपति ने कहा, “आज वे पूर्वी यूक्रेन में लड़ रहे हैं। मध्य यूक्रेन प्रशासन ने वहां सैनिकों को भेजा है और उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया है।”

पुतिन ने कहा, “क्या कोई इस बारे में बात करता है? कोई एक शब्द भी नहीं कहता। इसका क्या मतलब है? यह हमसे क्या कहता है? यह सच्चाई है कि आप चाहते हैं कि मध्य यूक्रेन का प्रशासन वहां सभी को नष्ट कर दे, उनके सभी राजनीतिक विरोधियों और प्रतिद्वंद्वीयों को। क्या यही आप चाहते हैं? हम निश्चित रूप से ऐसा नहीं चाहते। और हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

पूर्वी यूक्रेन में लड़ाकों को भेजने के रूस पर लगे आरोप के संबंध में पुतिन ने कहा कि जो लोग अच्छे उद्देश्य के लिए लड़ते हैं, उन्हें हथियार मिल ही जाता है।  उन्होंने कहा, “उन्हें बख्तरबंद वाहन और हथियार प्रणाली कहां मिली? आजकल जो लोग लड़ते हैं और जो इसे सही मानते हैं, उन्हें हथियार मिल ही जाता है।” पुतिन ने कहा, “लेकिन मैं इस बात पर जोर डालना चाहूंगा कि यह मुद्दा नहीं है। मुद्दा यह है कि हमारी समस्या को देखने का नजरिया एकतरफा नहीं हो सकता।”

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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