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व्हाट्सएप दुष्कर्म वीडियो का आरोपी 7 दिन की पुलिस हिरासत में

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नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी की एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को व्हाट्सएप पर दुष्कर्म का एक वीडियो पोस्ट करने के मामले में वीडियो अपलोड करने के आरोपी व्यक्ति को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। प्रधान महानगर दंडाधिकारी संजय खंगवाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को कालिया उर्फ सुब्रत साहू से दो अप्रैल तक पूछताछ करने की अनुमति दी है।

साहू को 23 मार्च को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया था। उसकी एक दिन की पुलिस हिरासत के समाप्त होने के बाद उसे अदालत के समक्ष पेश किया गया।

सीबीआई ने अदालत से पूछताछ और भुवनेश्वर एवं कुछ अन्य स्थानों पर ले जाने के लिए अदालत से साहू को हिरसात में सौंपने का अनुरोध किया था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

सीबीआई ने याचिका में कहा था कि आरोपी से पूछताछ में इस बात का पता लगाने में मदद मिलेगी कि किसकी मदद से इंटरनेट पर वीडियो जारी किए गए थे।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि साहू को हिरासत में लेना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि इससे घटनास्थल, कार्यप्रणाली, विभिन्न लेखों को इकट्ठा करने और उसके सहयोगियों को पकड़ने में मदद मिलेगी।

साहू के खिलाफ निजता के उल्लंघन और इलेक्ट्रॉनिक रूप से अश्लील सामग्री प्रकाशित करने के लिए भारतीय दंड संहिता और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सीबीआई ने कहा कि दुष्कर्म के वीडियो क्लिप की जांच की जा चुकी है तथा इस तरह के नौ अलग-अलग क्लिप हैं।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि उन्होंने इस मामले में आठ प्राथमिकी (एफआईआर) और एक प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 27 फरवरी को दिए गए आदेश के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले में जांच के आदेश दिए थे।

इससे पहले हैदराबाद स्थित एक गैर सरकारी संगठन ‘प्रज्वला’ ने एक पत्र के साथ इस वीडियो को पेनड्राइव में प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल दत्तू को भेजा था, जिसके बाद न्यायालय ने यह आदेश जारी किया।

हालांकि इस पत्र में यह जानकारी नहीं दी गई है कि यह दुष्कर्म कब और कहां हुआ तथा दोषियों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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