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सुपर किंग्स, रॉयल्स आईपीएल से 2 साल के लिए बाहर, मयप्पन-कुंद्रा का भी खेल खत्म

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नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की दो फ्रेंचाइजी टीमों-चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और राजस्थान रॉयल्स को मंगलवार को लीग से दो साल के लिए निलम्बित कर दिया गया है। साथ ही सट्टेबाजी के दोषी पाए गए इन फ्रेंचाइजी टीमों से जुड़े दो प्रमुख अधिकारियों-सीएसकेके गुरुनाथ मयप्पन और रॉयल्स के राज कुंद्रा पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है। आईपीएल के छठे संस्करण (2013) से जुड़े सट्टेबाजी व मैच फिक्सिंग मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा समिति ने मंगलवार को यह सनसनीखेज फैसला सुनाया।मयप्पन सीएसके के पूर्व टीम अधिकारी हैं और कुंद्रा राजस्थान रॉयल्स टीम के पूर्व सहमालिक हैं।

समिति ने कहा कि कुंद्रा और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन के खिलाफ सुनाई गई सजा तत्काल प्रभाव से मान्य मानी जाएगी। इस फैसले के बाद मयप्पन और कुंद्रा अब आजीवन बीसीसीआई से जुड़ी किसी भी क्रिकेट गतिविधि में शरीक नहीं हो सकेंगे। कुंद्रा मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के व्यवसायी हैं। साथ ही समिति ने दोनों पर क्रिकेट से जुड़ी किसी भी गतिविधि में पांच साल तक शामिल नहीं होने का भी प्रतिबंध लगाया। समिति ने यह भी कहा कि इन दो फ्रेंचाइजी टीमों से जुड़े खिलाड़ी आईपीएल के आने वाले संस्करणों के लिए अपनी मनमर्जी से किसी भी टीम के साथ करार कर सकते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने दोषियों मयप्पन और कुंद्रा तथा उनकी फ्रेंचाइजियों के लिए सजा निर्धारित करने के लिए 22 जनवरी को पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोढ़ा, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशोक भान और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर. रवींद्रन वाली एक समिति गठित की थी। आईपीएल सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एवं चेन्नई सुपर किंग्स के स्वामित्व वाली कंपनी इंडिया सीमेंट्स के मालिक श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन और कुंद्रा को सट्टेबाजी में संलिप्तता को दोषी करार दिया था।

लोढ़ा समिति ने अपने फैसले में कहा कि मयप्पन और कुंद्रा की गतिविधियों से क्रिकेट शर्मसार हुआ है। दोनों अपनी-अपनी टीमों के जिम्मेदार अधिकारी थे और इस हैसियत से उनकी जिम्मेदारी क्रिकेट की गरिमा को बनाए रखना था और अगर उनके पास सट्टेबाजी से जुड़ी कोई जानकारी थी तो उन्हें इसे बीसीसीआई को बताना था लेकिन दोनों ने ऐसा न करते हुए खुद को इस दलदल में शामिल किया, जो किसी भी लिहाज से मान्य नहीं है। न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा कि आईपीएल सीओओ सुंदर रमन, जो कि इस मामले में आरोपी हैं, को अभी इस जांच में शामिल नहीं किया गया है और उनके सम्बंध में जांच की प्रक्रिया अभी जारी है।

समिति ने कहा कि बीसीसीआई की गतिविधि के सुचारू संचालन के लिए गाइडलाइन बनाने की जो जिम्मेदारी सर्वोच्च न्यायलय द्वारा उसे दी गई थी, उसे वह आने वाले समय में तैयार कर लेगी। समिति के इस फैसले के बाद अब आईपीएल-9 में खेलने के लिए सिर्फ छह टीमें रह जाएंगी। महेंद्र सिंह धौनी के नेतृत्व वाली सीएसके टीम ने दो बार आईपीएल खिताब जीता है जबकि राजस्थान रॉयल्स ने 2008 में आईपीएल के पहले संस्करण का खिताब जीता था।

न्यायमूर्ति लोढ़ा ने फैसले के बाद कहा, “मैं समझता हूं कि हमारा फैसला इस खेल की गरिमा बनाए रखने में मददगार होगा।” इसके साथ ही लोढ़ा ने समिति के फैसले से जुड़े दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद ये दस्तावेज आधिकारिक हो गए। इस बीच, इस मामले की शुरुआती जांच करने वाली सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित मुद्गल समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल ने लोढ़ा समिति के फैसले को उचित और न्यायसंगत करार दिया। मुद्गल ने ही अपनी रिपोर्ट में मयप्पन और कुंद्रा को सट्टेबाजी का दोषी बताया था।

लोढ़ा समिति का फैसला आने के बाद मुदगल ने समाचार चैनल टाइम्स नाउ से बातचीत के दौरान कहा, “यह कड़ी सजा है। यह उचित है। इससे क्रिकेट को पाक-साफ बनाने में मदद मिलेगी और इसका फायदा लम्बे समय तक दिखेगा। इस फैसले के बाद क्रिकेट पर लोगों का विश्वास फिर से बहाल होगा।”

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असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार अंसारी को बताया शहीद, बोले- उन्हें जहर देकर मारा गया

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वाराणसी। वाराणसी में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है। ओवैसी ने कहा है कि मुख्तार अंसारी को जेल में जहर देकर मारा गया है। वो मरे नहीं, बल्कि शहीद हुए हैं। पीडीएम की रैली को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी मुख्तार अंसारी के बारे में बोलते हुए कहा कि वह एक इंसान था जो पुलिस कस्टडी में था। उसको मार दिया गया वह शहीद हुए हैं। शहीदों के बारे में कहा जाता है कि वह मरते नहीं हैं। उनको बचाने की जिम्मेदारी बीजेपी की थी जो नाकाम हुए।

असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी के गारंटी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मोदी की एक ही गारंटी है वो है मुसलमानों से नफरत। मोदी की दूसरी गारंटी भारत के संविधान को बदलना है। मोदी की तीसरी गारंटी दलित समाज से आरक्षण को खत्म कर दिया जाए। मोदी पसमांदा समाज की बात करते हैं, लेकिन उनके काम बंद हो रहे हैं।

ओवैसी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जो (मुसलमान) सपा के लिए जान दे रहा है उसी के पैर में गोलियां (एनकाउंटर) मारी जा रही हैं। हमें (मुसलमानों) ही जेल में जहर दिया जा रहा है। हमारे ही घर को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है। पूर्व सांसद (अतीक) जो 10 सुरक्षाकर्मियों के साथ चल रहा है उसे कोई भी नजदीक से जाकर गोली मार देता है लेकिन इन सबपर अखिलेश की जुबान से आवाज नहीं निकलती। समाजवादी पार्टी यह चाहती है कि आप भैया के लिए जान कुर्बान करो और दरी बिछाओ। एक वक्त ऐसा आएगा जब अखिलेश यादव खुद दरी बिछाएंगे और आपके लिए जान भी देंगे।

ओवैसी ने मंच से कहा- मुख्तार का नाम लेकर कह रहा हूं मैं किसी के बाप से डरने वाला नहीं हूं। मुख्तार अंसारी एक इंसान था, ज्यूडिशल कस्टडी में था, उसे जहर देकर मार दिया. वह शहीद है और शहीदों के बारे में कहा गया है कि शहीदों को मुर्दा कभी मत कहो वह जिंदा है। लेकिन उनको बचाने की जिम्मेदारी बीजेपी की सरकार की थी और उसमें वह नाकाम साबित हुए हैं।

 

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