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आंध्र-ओडिशा सीमा पर 24 नक्सली ढेर, पुलिसकर्मी शहीद

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naxalभुवनेश्वर/विशाखापत्तनम। आंध्र-ओडिशा सीमा के पास सोमवार को हुई एक मुठभेड़ में आठ महिलाओं सहित 24 नक्सली मारे गए। इस दौरान एक ग्रेहाउंड कमांडो भी शहीद हो गया। खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए आंध्र प्रदेश और ओडिशा पुलिस के एक संयुक्त दल ने ओडिशा के मलकानगिरी जिले के बेजांगी जंगल में सोमवार सुबह अभियान शुरू किया।

मलकानगिरी के पुलिस अधीक्षक मित्रभानु महापात्रा ने कहा, मुठभेड़ में 24 नक्सली मारे गए और एक जवान शहीद हो गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि मारे गए नक्सलियों की पहचान उनके शवों के जिला पुलिस के पास पहुंचने के बाद हो सकेगी। ये नक्सली प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से थे। मुठभेड़ में घायल आंध्र प्रदेश के नक्सल रोधी बल ग्रेहाउंड के दो जवानों को विशाखापत्तनम के किंग जॉर्ज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मोहम्मद अबु बकर ने दम तोड़ दिया।

महापात्रा ने कहा कि उन्हें इलाके में 40 नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी। शीर्ष नक्सली कार्यकर्ता रामकृष्ण उर्फ आरके कथित तौर पर मुठभेड़ के दौरान बच निकलने में सफल हो गया है। माना जा रहा है कि रामकृष्णा का बेटा मुन्ना मारे गए नक्सलियों में शामिल है। मुन्ना हाल ही में भाकपा-माओवादी में शामिल हुआ था।

मृतकों में तेलुगू राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ शीर्ष नक्सल नेताओं के शामिल होने की बात सामने आई है। ओडिशा के पुलिस महानिदेशक के.बी. सिंह ने कहा, हमें नक्सलियों के आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोन कमेटी के सदस्यों की बैठक की जानकारी मिली थी। महानिदेशक ने कहा, सूचना की पुष्टि के बाद ओडिशा और आंध्र प्रदेश पुलिस के एक संयुक्त दल ने अभियान शुरू किया। अभियान की अगुवाई आंध्र प्रदेश पुलिस ने की, इसमें राज्य के ग्रेहाउंड जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अधिकारी ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से जब्त हथियारों में .303 राइफल (10), एके 47 बंदूक (चार) और कुछ नक्सली सामग्री शामिल हैं। आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एन. संबाशिव राव ने विशाखापत्तनम में कहा कि पुलिस ने नक्सलियों से समर्पण करने को कहा, लेकिन उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी और पुलिस को मजबूरन जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस प्रमुख ने कहा कि गोलीबारी शाम तक जारी रही, क्योंकि नक्सलियों ने संघर्ष विराम के आह्वान को अस्वीकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि एक हेलीकॉप्टर घटना स्थल पर घायल पुलिस कर्मियों और नक्सलियों को लाने के लिए पहुंच गया है। उनका विशाखापत्तनम में उपचार कराया जाएगा। महानिदेशक ने मृतक ग्रेहाउंड कमांडो अबु बकर के विशाखापत्तनम के गजुवाका स्थित घर जाकर उनके परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने कमांडो के परिवार को 40 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की।

यह आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद मुठभेड़ की पहली बड़ी घटना है। साल 2014 में आंध्र प्रदेश से विभाजित होकर तेलंगाना अस्तित्व में आया। क्रांतिकारी कवि वरवरा राव ने सोमवार को आरोप लगाया कि पुलिस ने आंध्र-ओडिशा सीमा के पास नक्सलियों की एक बैठक पर हमला कर उनकी हत्या कर दी। पुलिस ने दावा किया है कि नक्सलियों को एक मुठभेड़ में मारा गया। लेकिन पुलिस के इस दावे को खारिज करते हुए राव ने कहा कि नक्सलियों की बैठक पर जानबूझकर हमला किया गया था।

वरवरा राव ने हमले में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। क्रांतिकारी लेखकों की संस्था वीरासम के नेता राव ने कहा, क्या नक्सलियों ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद कोई हमला किया था? तब इस फर्जी मुठभेड़ की क्या जरूरत थी?
राव ने मामले की जांच उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश से कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के शव को विशाखापत्तनम लाया जाना चाहिए।

इस बीच, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के उच्च न्यायालय ने सोमवार को आंध्र प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के शवों को 27 अक्टूबर तक संरक्षित रखा जाए। अदालत ने यह निर्देश नागरिक आजादी के समर्थक एक कार्यकर्ता की याचिका पर दिया।

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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का बड़ा एलान, कहा- 77 साल का हो गया हूं, ये मेरा आखिरी चुनाव

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भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह उनका आखिरी चुनाव है। उन्होंने कहा कि नए लोगों को मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं 77 साल का हो गया हूं। 82 की उम्र में कौन चुनाव लड़ेगा। इसलिए नए लोगों को मौक़ा देना चाहिए।

इस दौरान दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि चचौरा में मतदान केंद्र संख्या 24 पर मशीन कहती है कि 50 वोट डाले गए हैं, जबकि वहां सिर्फ 11 वोट डाले गए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को 100 मीटर के दायरे से बाहर धकेला जा रहा है। भाजपा नेता 100 मीटर के दायरे में हैं और भगवान राम के बैनर और पोस्टर के साथ हैं। कांग्रेस नेता पंकज यादव पुलिस स्टेशन में हैं, लेकिन आपराधिक प्रवृत्ति वाले भाजपा के लोग खुले घूम रहे हैं।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत मध्य प्रदेश की 9 सीट पर वोटिंग हो रही है। इन्हीं में एक सीट राजगढ़ भी है जो दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता है।

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