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उपहार अग्निकांड : गोपाल अंसल को 1 साल की जेल

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SCनई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने उपहार अग्निकांड मामले में गुरुवार को रियल एस्टेट कारोबारी गोपाल अंसल को एक साल कैद की सजा सुनाई। साल 1997 में हुए उपहार अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी।

इस घटना के सह अभियुक्त सुशील अंसल को उनकी अधिक उम्र और बीमारियों का हवाला देते हुए बरी कर दिया गया।

अदालत ने अंसल बंधुओं को ‘आपराधिक लापरवाही’ का दोषी पाया था, लेकिन कुछ माह की कैद के बाद वे जेल की सजा से बच गए थे।

इससे पहले के आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि सुशील अंसल ‘काफी उम्रदराज’ हैं। उनके छोटे भाई के साथ भी इस संबंध में समान व्यवहार किया जाना चाहिए। सुशील अंसल 77 वर्ष के हैं, जबकि गोपाल अंसल 69 साल के हैं।

गौरतलब है कि 13 जून 1997 में हिंदी फिल्म ‘बॉर्डर’ की स्क्रीनिंग के दौरान सिनेमाघर में भीषण आग लग गई थी। आग लगने की वजह से अंदर फंसे 59 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई थी, जबकि भगदड़ में 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने पहले सुनाए गए फैसले में 2:1 के बहुमत से आंशिक रूप से संशोधन किया है। पूर्ववर्ती फैसले में अंसल बंधुओं को 30-30 करोड़ रुपये के भुगतान के एवज में रिहा करने की बात कही गई थी।

हालांकि, न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने दोनों की एक-एक साल की कैद की इससे पहले की सजा बरकरार रखने की बात कही।

अदालत ने कहा कि गोपाल अंसल के साथ सुशील के जैसा बर्ताव नहीं किया जा सकता, क्योंकि गोपाल अंसल को कोई बीमारी नहीं है और इस लिहाज से उन्हें एक साल कैद की सजा भुगतनी होगी।

अदालत ने 2015 के आदेश की समीक्षा के लिए दायर याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया है। पीड़ितों के परिवार इस फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने सजा को नाकाफी बताया है।

गोपाल के वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि उनके मुवक्किल पहले ही चार महीने और 29 दिनों की जेल काट चुके हैं। वह बाकी बची सात महीनों की सजा भी काट लेंगे।

खुर्शीद ने अंसल बंधुओं की ओर से इस घटना पर दुख, पश्चाताप और खेद भी जताया।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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