Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

दिल्ली के मुकाबले यूपी ने कोरोना को बेहतर तरीके से मैनेज किया: सीएम योगी

Published

on

Loading

लखनऊ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एलान किया कि उनकी पार्टी यूपी में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इसके बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यूपी के मंत्रियों को दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर बहस की चुनौती दे डाली थी। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना मैनेजमेंट में उत्तर प्रदेश को दिल्ली से बेहतर बताया है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना को ज्यादा बेहतर तरीके से मैनेज किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दिल्ली से तुलना की जाए तो उत्तर प्रदेश में 24 करोड़ की आबादी है और कोरोना की वजह से उत्तर प्रदेश में 8 हजार लोगों की जान गई है, दिल्ली में सिर्फ 1.75 करोड़ आबादी है और वहां पर 10000 लोगों की जान चली गई है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश ने कोरोना मैनेजमेंट में बेहतर परिणाम दिखाए हैं, उन्होंने कहा कि 2 महीने पहले उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के 68000 एक्टिव मामले थे और अब यह घटकर 18000 से भी कम रह गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट कराए गए हैं और वहां पर कोरोना की पॉजिटिविटी दर तो कम है ही साथ में मृत्यु दर भी सबसे कम है।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

Continue Reading

Trending