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समाजसेवा से मिलती है आत्मिक शांति : डॉ. विशाखा

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जगद्गुरु कृपालु परिषत, डॉ. विशाखा त्रिपाठी, 'इंडियन आइकन अवार्ड', कृपालु जी महाराज

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जगद्गुरु कृपालु परिषत, डॉ. विशाखा त्रिपाठी, 'इंडियन आइकन अवार्ड', कृपालु जी महाराज

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मुंबई| ‘इंडियन आइकन अवार्ड’ से हाल में ही सम्मानित जगद्गुरु कृपालु परिषत की अध्यक्ष डॉ. विशाखा त्रिपाठी ने कहा कि समाजसेवा एक अलग तरह का संतोष देती है। गरीबों को शिक्षा और चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने में उन्हें आत्मिक शांति मिलती है।

अवार्ड मिलने पर डॉ. विशाखा ने कहा कि गरीब छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने की बात हो या जरूरतमंद गरीबों को चिकित्सा सहायता मुहैया कराना, इन सबसे एक आत्मिक सुकून की प्राप्ति होती है। इसके अलावा और अधिक कार्य करने का हौसला भी मिलता है।

उन्होंने कहा कि जो भी सेवा के कार्य कृपालु जी महाराज ने शुरू किए थे, उनको अनवरत चलाया जाएगा। फिल्म नगरी मुंबई में देश व विदेश से चुने हुए 50 भारतीयों के सम्मान समारोह ‘इंडियन आइकन अवार्ड’ में जगद्गुरु कृपालु परिषत की अध्यक्ष डॉ. विशाखा त्रिपाठी को शुक्रवार को सम्मानित किया गया।

समारोह में मुख्य रूप से उप्र सरकार के काबीना मंत्री ओमप्रकाश सिंह, ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन एम.एस. बिट्टा सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। डॉ. विशाखा त्रिपाठी की ओर से परिषत के सचिव राम पुरी ने अवार्ड प्राप्त किया।

परिषत के सचिव राम पुरी ने कहा कि उप्र के एक पिछड़े क्षेत्र में समाजसेवा की जो अलख श्रीकृपालु जी महाराज ने जलाई थी, वह आज उनकी पुत्री डॉ. विशाखा त्रिपाठी के नेतृत्व में पुष्पित व पल्लवित हो रही है।

उन्होंने कहा, “इस सम्मान ने परिषत से जुड़े सभी लोगों की हौसलाअफजाई हुई है। हम लोग अब दूने उत्साह से इन सेवा कार्यो को आगे बढ़ाएंगे।” इंडियन आइकन अवार्ड से उन शख्सियतों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने कार्यो से समाज व आम जनमानस पर अलग छाप छोड़ी है एवं आने वाली व वर्तमान पीढ़ी पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। ऐसे लोग जो व्यक्तिगत व पारिवारिक जिम्मेदारियों से ऊपर उठकर अपना मूल्यवान समय समाज व देशहित में अर्पित करते हैं।

नेशनल

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में दो आतंकियों को किया ढेर

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बारामूला। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चल रही गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि एक नागरिक और दो सैनिक घायल हो गए। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक लश्कर का डिवीजनल कमांडर उस्मान और आतंक का पर्याय बने लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ के कमांडर बासित डार के फंसे होने की संभावना है। रात 12:30 बजे आतंकियों ने घेरा तोड़ भागने का प्रयास किया और उसके बाद दोनों ओर से गोलाबारी शुरू हुई है। बीते 48 घंटे में उत्तरी कश्मीर में आतंकियों व सुरक्षाबल के बीच दूसरी मुठभेड़ है।

इससे पूर्व मंगलवार को बांडीपोरा के रेंजी अरागाम में मुठभेड़ में भी दो सैन्यकर्मी घायल हुए थे। पुलिस को गुरुवार दोपहर बाद पता चला कि स्वचालित हथियारों से लैस दो-तीन आतंकी सोपोर में किसी जगह अपने संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। ये आतंकी चुनाव के दौरान किसी वारदात को अंजाम देने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने सोपोर और उसके साथ सटे इलाकों में मुखबिरों को सक्रिय किया। शाम सात बजे के करीब जब सुरक्षाबल तलाशी लेते हुए चक मोहल्ले में आगे बढ़ रहे तो मस्जिद से कुछ ही दूरी पर स्थित एक मकान में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया।

जवानों ने जवाबी फायर कर आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। जवानों ने आतंकियों की गोलीबारी के बीच ही आसपास के मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान फारूक अहमद नामक एक स्थानीय नागरिक के कंधे पर गोली लगी, जिससे वह जख्मी हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह एक लैब टैक्निशियन है। इस भिड़ंत में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है

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