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सेंट स्टीफन्स के प्राध्यापक की गिरफ्तारी पर रोक

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नई दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीएचडी की एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ के मामले में सेंट स्टीफन्स कॉलेज के प्राध्यापक की गिरफ्तारी पर शुक्रवार को 17 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने रसायन शास्त्र के प्राध्यापक सतीश कुमार की गिरफ्तारी से पूर्व अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से कहा कि उन्हें गिरफ्तार न करें। मामले पर अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।

न्यायालय ने पुलिस को नोटिस जारी करते हुए जांच के संबंध में स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायालय ने सतीश को पुलिस जांच में शामिल होने को भी कहा है। निचली अदालत ने 23 जून को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली थी। छात्रा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने सतीश के खिलाफ पीछा करने तथा यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया। 19 जून को दर्ज प्राथमिकी में छात्रा ने सतीश पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने 15 अक्टूबर 2013 को प्रयोगशाला में उसका यौन उत्पीड़न किया था। शिकायत के अनुसार, जब वह सतीश की पकड़ से छूट गई तो उन्होंने कॉलेज के पास वाले मेट्रो स्टेशन तक उसका पीछा किया था। छात्रा ने आरोप लगाया कि उसके साथ पहली बार मई 2013 में उसी जगह उत्पीड़न हुआ था, जहां उसी साल अक्टूबर में हुआ। उसके विरोध के बावजूद उत्पीड़न जारी रहा।

छात्रा ने कहा कि सतीश ने शोध में उसकी मदद करना बंद कर दिया था और उसके सोशल मीडिया अकाउंट देखते रहते थे। उसने कॉलेज के प्राचार्य वाल्सन थिंपू पर सतीश का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। सतीश (40) ने अपनी याचिका में कहा है कि छात्रा के आरोप मनगढ़ंत हैं और घटना का कोई साक्षी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह जांच के लिए तैयार हैं, उनकी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं। सतीश के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल शारीरिक रूप से 85 फीसदी अपंग हैं और छड़ी के सहारे चलते हैं। ऐसे में वह कैसे छात्रा का उत्पीड़न कर सकते हैं।

दिल्ली पुलिस ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सतीश के खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं। पुलिस ने कहा कि महिला ने गुरुवार को प्राचार्य और सतीश के बीच हुई बातचीत का ऑडियो भी सौंपा है, जहां सतीश थंपू को अपने प्रभाव में लेने की कोशिश कर रहे थे। इससे पहले सेंट स्टीफन्स की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि वह महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर कोई समझौता नहीं करता। पीड़िता को न्याय दिलाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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