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विजय चौधरी : बैंक की नौकरी से विधानसभा अध्यक्ष तक

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मनोज पाठक 

पटना| शांत, सौम्य और मृदुभाषी और होठों पर मुस्कान, यही कुछ पहचान है सरायरंजन से जनता दल (युनाइटेड) के विधायक और पूर्व मंत्री विजय कुमार चौधरी की। चौधरी को सर्वसम्मति से 16वीं बिहार विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया है।

सदन की कार्यवाही बुधवार को शुरू होते ही चौधरी के अध्यक्ष पद पर आसीन होने की औपचारिक घोषणा कर दी गई।

आठ जनवरी 1957 को समस्तीपुर के केवटा गांव में जन्मे विजय कुमार चौधरी ने अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत भारतीय स्टेट बैंक में पीओ की नौकरी से की थी, परंतु समाज के लिए कुछ करने की तमन्ना के कारण उन्हें नौकरी रास नहीं आई और वह राजनीति में कूद गए।

चौधरी को राजनीति वैसे विरासत में मिली है। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी जगदीश प्रसाद चौधरी दलसिंहसराय का प्रतिनिधित्व विधानसभा में कर चुके थे।

पिता की मृत्यु के बाद वर्ष 1982 में चौधरी ने कांग्रेस के टिकट पर दलसिंहसराय से चुनाव लड़ा और विजयी भी हुए थे। इसके बाद राजनीति में उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

पटना विश्वविद्यालय से स्नातकोतर तक की पढ़ाई कर चुके चौधरी बिहार प्रदेश कांग्रेस के महासचिव भी रहे। कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रहने के दौरान चौधरी की निकटता नीतीश कुमार से बढ़ती गई।

नीतीश की निकटता के कारण चौधरी जद (यू) में आ गए और वर्ष 2008 में उन्हें जद (यू) का प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता बनाया गया। पार्टी के संगठन कार्यों में अपनी अमिट छाप छोड़ने के कारण जद (यू) में पुरस्कार स्वरूप चौधरी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।

वर्ष 2010 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में चौधरी के नेतृत्व में पार्टी ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। चौधरी भी इस चुनाव में सरायरंजन से विधायक चुने गए और नीतीश सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। इस सरकार में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बाद चौधरी को नंबर तीन का दर्जा प्राप्त था।

विजय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और विश्वस्त सलाहकारों में माने जाते हैं। चौधरी ने 2015 के चुनाव में भी समस्तीपुर के सरायरंजन से जीत हासिल की है। बदले राजनीतिक समीकरण में चौधरी बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए।

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बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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