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बिजनेस

लुलु समूह तेलंगाना में 2500 करोड़ रुपये निवेश करेगी

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हैदराबाद| मध्यपूर्व की एक प्रमुख रिटेल कंपनी लुलु ग्रुप अगले वर्ष तेलंगाना में 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करना चाहती है। अबुधाबी की कंपनी के अध्यक्ष एम.ए. यूसुफ अली नेमें तेलंगाना के सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामा राव और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान यह सूचना दी।

यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक लुलु ग्रुप के पास मध्यपूर्व में 100 से अधिक हाइपर बाजार हैं। कंपनी का कारोबार पांच अरब डॉलर से अधिक है।

अली को खाड़ी देशों में भारतीय मूल का सबसे धनी व्यक्ति माना जाता है।

तेलंगाना में कंपनी तीन परियोजनाओं में निवेश करना चाहती है- एक फल और सब्जी प्रसंस्करण इकाई, एक एकीकृत मांस प्रसंस्करण इकाई और हैदराबाद में एक आधुनिक शॉपिंग मॉल।

कंपनी की एक टीम 2015 की पहली छमाही में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के साथ हैदराबाद आएगी। परियोजनाओं के लिए जगह की पहचान तथा विभिन्न मंजूरियों के लिए वह सरकार से मदद लेगी।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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