Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

राष्ट्रपति के निर्वाचन में फिर असफल रहा लेबनान

Published

on

बेरुत,लेबनान,कोरम,राष्ट्रपति,अध्यक्ष-नाबीह-बेरी,सांसद-बुतरस-हार्ब,विधायक-मिशेल-एओन

Loading

बेरुत | लेबनान की संसद संवैधानिक गणपूर्ति (कोरम) के अभाव में बुधवार को लगातार 20वीं बार नए राष्ट्रपति के चुनाव में असफल रही। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, सदन में केवल 54 सांसदों के आने के बाद अध्यक्ष नाबीह बेरी ने सत्र स्थगित कर दिया और दो अप्रैल को एक नई बैठक बुलाई। सदन में मौजूद 54 सदस्यों की संख्या 128 सदस्यीय संसद में गणपूर्ति के लिए आवश्यक दो-तिहाई सदस्यों की संख्या से कम थी।

लेबनान में 25 मई से ही कोई राष्ट्रपति नहीं हैं, जब पूर्व राष्ट्रपति मिशेल सुलेमान का छह साल का कार्यकाल खत्म हुआ। सांसद बुतरस हार्ब ने सत्र स्थगित होने के बाद कहा, “गंभीर क्षेत्रीय गतिविधियों के कारण राजनीतिक व्यवस्था खतरे में हैं। यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो हम जनता से वर्तमान स्थिति के खिलाफ उठ खड़े होने के लिए कहेंगे।” अल मुस्तकबल मूवमेंट के सांसद अहमद फतफत ने कहा कि कुछ सांसद बार-बार संसद के सत्र का बहिष्कार कर रहे हैं। उन्होंने सांसदों से अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने को कहा।

लेबनान दो विरोधी राजनीतिक खेमों में बंट गया है। पहला पश्चिम समर्थित ‘मार्च14’ है, जिसके नेता समीर गीगी राष्ट्रपति पद दौड़ में हैं। दूसरा समूह सीरिया-ईरान समर्थित ‘मार्च8’ है। यह राष्ट्रपति पद के लिए विधायक मिशेल एओन का समर्थन कर रहा है। मध्यमार्गी डेमोकेट्रिक गेदरिंग ने अपने संसद सदस्य हेनरी हेलोऊ को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending