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अन्तर्राष्ट्रीय

कांग्रेस ईरान परमाणु समझौते को नहीं बदल सकता : केरी

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वाशिंगटन| अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने बुधवार को रिपब्लिकन सीनेटरों के पत्र में किए गए उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर होने वाले किसी भी समझौते को यदि कांग्रेस से मंजूरी नहीं मिलती है तो यह अमान्य हो जाएगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के अनुसार, केरी ने कहा कि कांग्रेस ईरान और विश्व की छह महाशक्तियों के बीच होने वाले संभावित समझौते की शर्तो को नहीं बदल सकती।

उन्होंने सीनेटरों के पत्र का जिक्र करते हुए कहा, “सीनेटरों का यह कहना गलत है कि कांग्रेस किसी भी वक्त एक समझौते की शर्तो को बदल सकती है। यह बिल्कुल गलत है। उनके पास दो देशों की सरकारों के बीच होने वाले समझौते को बदलने का अधिकार नहीं है।”

करीब 50 रिपब्लिकन सीनेटरों ने एक पत्र में ईरान को आगाह किया है कि इसके समझौते को यदि अमेरिकी कांग्रेस ने मंजूरी नहीं दी तो राष्ट्रपति बराक ओबामा के दो साल बाद सत्ता से हटते ही यह अमान्य हो जाएगा। यह पत्र सोमवार को सार्वजनिक हुआ।

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अन्तर्राष्ट्रीय

गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत

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नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।

यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।

स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।

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