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मोदी की विदेश यात्रा में दिखा भारत का आत्मविश्वास

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन देशों की यात्रा में फ्रांस के साथ 36 राफाल लड़ाकू विमानों की खरीद और कनाडा के साथ पांच साल के लिए यूरेनियम आपूर्ति समझौते जैसी अप्रत्याशित घोषणाएं हुईं और भारतवंशियों के साथ उनके रॉकस्टार संवाद का क्रम जारी रहा। इस यात्रा की जहां कई सकारात्मक उपलब्धियां रहीं और भारत का आत्मविश्वास भी दिखा।

9-16 अप्रैल की इस यात्रा में मोदी ने प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुए हजारों भारतीय सैनिकों का फ्रांस के न्यूवे चैपेल स्मारक में श्रद्धांजलि दी। ऐसा करने वाले वह प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री थे।

मोदी ने पेरिस में भारतवंशियों को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीट हासिल करना भारत का अधिकार है और इसके लिए उन्होंने वजहें बताईं। वहीं जर्मनी में भारतवंशियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत इस साल पेरिस में होने वाली जलवायु परिवर्तन वार्ता की दिशा तय करेगा, क्योंकि भारत में वस्तुओं का अलग-अलग प्रकार से कई बार उपयोग करने की परंपरा रही है और देश संसाधनों को बर्बाद करने में विश्वास नहीं करता है।

इस यात्रा में मोदी तीनों देशों के सरकार प्रमुखों के साथ गहरे मित्रवत संबंध बनाते दिखे। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा होलांद के साथ उन्होंने ‘नाव पे चर्चा’ की। कनाडा में उन्होंने ओटावा से टोरंटो की एयर इंडिया वन से की गई यात्रा में प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर को अपने साथ ले लिया और दोनों नेताओं ने भारतवंशियों को मिलकर संबोधित किया।

पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने  कहा, “तीनों देशों की यात्रा के सकारात्मक परिणाम रहे। इस दौरान यह धारणा मजबूत हुई कि भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य है और यह भारत में मोदी की विकास की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है।”

सुरक्षा परिषद में सीट हासिल करने के अधिकार पर सिब्बल ने कहा कि भारत ने अपनी भाषा शैली बदली है।

सिब्बल के मुताबिक, “पहले भारत लॉबिंग करता था, लेकिन अब उसकी भाषा अलग प्रकार की है- मैं मांगूंगा नहीं, यह मेरा अधिकार है। यह एक आत्मविश्वास से लबरेज भारत को लेकर उनका तरीका है, जो वैश्विक शक्ति का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहा है।”

पूर्व राजनयिक शीलकांत शर्मा ने यूरेनियम समझौते को महत्वपूर्ण बताया। खास कर इसलिए क्योंकि कनाडा ने 1974 के परमाणु विस्फोट के बाद भारत को परमाणु सहयोग बंद कर दिया था।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “अब वे पांच साल के लिए हमें यूरेनियम बेचने के लिए तैयार हो गए हैं।” शर्मा अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी में भारत के प्रतिनिधि रहे हैं।

सिब्बल ने कहा, “कनाडा भारत को यूरेनियम देने वाला तीसरा देश होगा।”

प्रमुख रणनीतिक विशेषज्ञ सी. उदय भास्कर ने भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरत को देखते हुए यूरेनियम समझौते को महत्वपूर्ण बताया।

राफाल सौदे के बारे में सोसायटी फॉर पॉलिसी स्टडीज के निदेशक भास्कर ने कहा, “इस प्लेटफार्म से वायुसेना की घटती स्क्वोड्रन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।”

भारत ने पूरी तरह से उड़ान के लिए तैयार 36 राफाल लड़ाकू विमानों की खरीदारी के लए समझौता किया है।

सिब्बल ने कहा कि इस सौदे से फ्रांस के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी।

जर्मनी में मोदी का ध्यान पूरी तरह से अर्थव्यवस्था पर था। उन्होंने जर्मनी की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से वार्ता की और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ संयुक्त रूप से हनोवर मेसे व्यापार मेले का उद्घाटन किया।

सिब्बल ने कहा, “उन्होंने सफलतापूर्वक यह संवाद भेजा कि भारत कारोबार के लिए खुला हुआ है और वह देश में कारोबार को आसान बनाएंगे और ऐसी व्यवस्था करेंगे कि जर्मन कारोबारियों के लिए भारत में कारोबार करना आसान हो।”

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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