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पीएम मोदी की मुहिम को सफल बनाएगा स्विट्जरलैंड, वापस आएगी ब्लैकमनी
नई दिल्ली। विदेश में जमा ब्लैकमनी वापस लाने की दिशा में भारत को बड़ी कामयाबी मिल सकती है। खबर है कि स्विट्जरलैंड सरकार ने उस पैक्ट का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिसके तहत वहां जमा होने वाली ब्लैकमनी की जानकारी भारत सरकार को रियल टाइम बेसिस पर मिल सकेगी। इस फैसले से स्विस बैंक में कालाधन रखने वालों की जानकारी सरकार तक लगातार पहुंच का रास्ता खुल जाएगा।
स्विट्जरलैंड को लगता है कि भारत के साथ जानकारियों के स्वत: साझीकरण का समझौता करने के लिए उसके आंकड़ा सुरक्षा और गोपनीयता कानून पर्याप्त हैं। उल्लेखनीय है कि इस समझौते के बाद भारत की पहुंच स्विस बैंकों में जमा कथित कालेधन की जानकारियों तक नियमित आधार पर हो जाएगी।
वैसे भी कालेधन का मुद्दा भारत में सार्वजनिक चर्चा का मुद्दा है। लंबे समय से ऐसा माना जाता है कि बहुत से भारतीयों ने अपना काला धन स्विट्जरलैंड के बैंक-खातों में जमा कर रखा है। पिछले लोकसभा चुनाव में इसे नरेंद्र मोदी ने प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था लेकिन बाद में राजग सरकार बनने पर इस संदर्भ में कोई खास प्रगति नहीं हो सकी। जिसको लेकर विपक्षी दल जब-तब केंद्र सरकार पर हमला करते रहते हैं।
स्विट्जरलैंड सरकार ने अपने राजकीय गजट में इस संबंध में एक विस्तृत अधिसूचना में और तथ्य प्रकाशित किए हैं। सरकार ने कहा है कि वह भारत के साथ वित्तीय खातों की जानकारी का स्वत: साझाकरण करने के लिए समझौता कर रही है। उसने अन्य वित्तीय केंद्र लिंचेस्टाइन और बहमास का उदाहरण दिया है जो इसी तरह का समझौता करेंगे।
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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी
नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।
वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।
स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।
नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”
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