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बिजनेस

किंगफिशर को 52 लाख रुपये बकाया भुगतान के आदेश

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नई दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय ने किंगफिशर एयरलाइंस को आदेश दिया है कि वह अपनी एक पूर्व महिला पायलट को 52 रुपये से अधिक बकाए का भुगतान करे। महिला ने एक याचिका दाखिल कर 21 महीने की अवधि के बकाए वेतन का भुगतान कराने की मांग की थी। न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने कंपनी को आदेश दिया कि वह पायलट को 52,61,450 रुपये और साथ ही नौ फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करे।

न्यायालय ने कंपनी द्वारा पायलट को जारी किए गए करारनामे के आधार पर याचिका को स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने कहा, “वादी (पायलट) याचिका दाखिल करने की तिथि से लेकर भुगतान मिलने तक की अवधि के लिए नौ फीसदी सालाना की दर से ब्याज पाने की भी हकदार होगी।” पायलट ने गत वर्ष उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।

किंगफिशर की उड़ानों का संचालन अक्टूबर 2012 से रुका हुआ है। पायलट 2007 में कंपनी से जुड़ी थी। उनका वेतन 2.24 लाख रुपये निश्चित हुआ था। याचिका के मुताबिक पायलट को अगस्त 2012 से अप्रैल 2014 तक वेतन नहीं मिला।

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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