Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

कर्नाटक हाईकोर्ट से जयललिता को बड़ी राहत, आय से अधिक संपत्ति मामले में बरी

Published

on

Jaya-lalita

Loading

बंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट की एक विशेष पीठ ने सोमवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव जे.जयललिता को 66.65 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति मामले में बरी कर दिया। निचली अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी ठहराते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के 27 सितंबर, 2014 के फैसले के खिलाफ 67 वर्षीया जयललिता की याचिका पर बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति सी.आर. कुमारस्वामी ने उन सभी आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें दोषी ठहराते हुए चार साल कैद और 100 करोड़ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपों में दम नहीं है।

न्यायाधीश ने निचली अदालत को जयललिता की संपत्ति को मुक्त करने के आदेश दिए, जिसे इस मामले में जब्त कर लिया गया था। यह मामला 18 सालों तक चला। पहले इस पर तमिलनाडु में सुनवाई हुई और फिर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर नवंबर 2002 में इसे बंगलुरु स्थानांतरित कर दिया गया।

न्यायाधीश ने जयललिता के अतिरिक्त तीन अन्य दोषियों एन. शशिकला, वी.एन. सुधारकरन, जे. ईलासवारसी को रिहा कर दिया, जिन्हें चार साल कैद और 10-10 करोड़ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर, 2014 को जयललिता तथा तीन अन्य को 18 दिसंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी। बाद में जमानत की अवधि 12 मई तक के लिए बढ़ा दी गई थी।

जयललिता को 27 सितंबर से 17 अक्टूबर तक तीन सप्ताह का समय बंगलुरु के बाहरी हिस्से में स्थित केंद्रीय कारावास में गुजारना पड़ा, क्योंकि उच्च न्यायालय ने सात अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद 17 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दी। जयललिता को न्यायालय द्वारा बरी कर दिए जाने की सूचना मिलने के बाद उनके आवास के बाहर जश्न का माहौल है। न्यायालय के इस फैसले से पार्टी के कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे और उन्होंने पटाखे छोड़े। उन्होंने ‘अम्मा जिंदाबाद’ के नारे लगए और मिठाइयां बांटी।

पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उच्च न्यायालय परिसर से करीब एक किलोमीटर दूर क्युबॉन पार्क में पटाखे छोड़े और नाचते-झूमते नजर आए। अदालत का फैसला पूर्वाह्न करीब 11 बजे आया, जिसके बाद जयललिता तथा मामले में आरोपी बनाए गए तीन अन्य के 10 से अधिक वकीलों ने भी मिठाइयां बांटीं।

नेशनल

सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

Published

on

Loading

उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

Continue Reading

Trending