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इस लड़की ने जयललिता की बेटी होने का किया दावा, जानें क्या है पूरा मामला

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तमिलनाडु। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है तो दूसरी ओर एक और मामला सामने आया है जिसको को लेकर सनसनी फैल गई है। दरअसल एक महिला ने जयललिता की बेटी होने का दावा किया है। इस दावे के बाद तमिलनाडु की राजनीति में भूचाल आ गया है। तमिलनाडु से मिली जानकारी के अनुसार बंगलुरु की रहने वाली 37 वर्षीय अमृता मंजुला ने दावा किया है कि वह जयललिता की असली बेटी है। अमृता मंजुला ने इसके साथ ही यह भी गुहार लगाई है कि हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार जयललिता का दाह संस्कार करने के लिए शव की मांग की है। हालांकि इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दायर याचिका को खारिज कर दिया।

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को अमरुथा नाम की महिला की एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। अमरुथा ने दिवंगत जे.जयललिता की जैविक बेटी होने का दावा किया था। याचिकर्ता ने जयललिता के शरीर को कब्र से निकालकर और उसकी डीएनए जांच कर मातृत्व के संबंध की जांच का आग्रह किया था। लेकिन, न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने उसे अपनी अर्जी के साथ मद्रास उच्च न्यायालय जाने की इजाजत दे दी। अमरुथा ने कहा उसके पालक माता-पिता ने उसे 1982 में गोद लिया था। अमरुथा के दत्तक माता-पिता जयललिता की बहन व जीजा हैं। उसका दावा है कि वह जयललिता की जैविक बेटी है और इसे उसके दत्तक पिता ने मरने से पहले उसे बताया था।अमरुथा ने अदालत से आग्रह किया था कि वह ‘उसकी मां’ के शरीर को निकालने का आदेश दे, जिससे कि परिवार जयललिता का पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार कर सके।

उधर अमृता मंजुला ने सच जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में डीएनए टेस्ट कराने की मांग भी कर डाली है। अमृता मंजुला ने तर्क दिया है कि जयललिता की बड़ी बहन शैलजा और उनके पति सारथी ने उन्हें पाला है। अमृता मंजुला ने यह भी कहा है कि जयललिता की मौत से पहले दंपति ने उन्हें असली माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद साल 2015 शैलजा की मौत हो गई थी। हालांकि बाद मेअविवाहित जयललिता की निजता का सम्मान और उनके राजनीतिक भविष्य को ध्यान में रखकर इस राज से पर्दा नहीं उठाया गया। इस पूरे मामले पर सभी लोग हैरान है।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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