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अन्तर्राष्ट्रीय

पनामा पेपर्स लीक केस: नवाज के कतर पैसा भेजे जाने की टीम करेगी जांच

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पनामा पेपर्स लीक केस , बहुचर्चित पनामा पेपर्स मामले, सुप्रीम कोर्ट, पाकिस्तान, (जेआईटी)

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पनामा पेपर्स पर पाकिस्‍तान की सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

इस्‍लामाबाद। बहुचर्चित पनामा पेपर्स मामले पर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने 3-2 से फैसला सुनाया है। अपने फैसले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) बनाने को कहा है। गौर करने वाली बात है कि 2 जज पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराने के पक्ष में थे। संयुक्त जांच टीम पैसा कतर भेजे जाने की जांच करेगी। कोर्ट ने कहा कि नवाज और उनके दोनों बेटों को जांच टीम के सामने भी पेश होना होगा।

पनामा पेपर्स लीक केस , बहुचर्चित पनामा पेपर्स मामले, सुप्रीम कोर्ट, पाकिस्तान, (जेआईटी)

बता दें कि यह फैसला कहीं न कहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भविष्य पर भी असर डालेगा, क्योंकि पाकिस्तान के कई राजनैतिक दलों (तहरीक-ए-इंसाफ, जमात-ए-इस्लामी, आवामी मुस्लिम लीग व अन्य दलों) ने नवाज शरीफ के खिलाफ याचिका दायर की थी। आपको याद दिला दें कि पिछले साल अप्रैल में पनामा पेपर्स ने पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल ला दिया था।

नवाज की कुर्सी पर लटकी तलवार इस बार महज एक वोट से रह गई। आपको बता दें कि तीन जजों ने संयुक्त जांच टीम बनाने के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था, जबकि दो जज नवाज को अयोग्य ठहराने के पक्ष में थे। अगर पीठ में एक और जज का फैसला नवाज के खिलाफ होता तो यूसुफ रजा गिलानी की तरह ही उन्हें भी कुर्सी छोड़नी पड़ती।

उम्मीद के मुताबिक आया फैसला

जानकारों का आकलन था कि कोर्ट नवाज शरीफ को बरी कर सकती है क्योंकि पनामा पेपर में उनके नाम का जिक्र नहीं है। इसके अलावा, इस्लामाबाद में इस बात की भी चर्चा थी कि पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट मामले की जांच के लिए एक न्यायिक कमीशन गठित कर सकता है या फिर उन्हें पद के लिए अयोग्य भी घोषित कर सकता है, जैसा कि 2012 में तत्कालीन प्रधान मंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ अदालत की अवमानना के एक मामले में किया था। फैसले से पहले ही सभी राजनीतिज्ञों और कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट का फैसला ‘ऐतिहासिक’ हो सकता है।

पुराना है मामला

यह मुकदमा 1990 के दशक में शरीफ द्वारा धन शोधन कर लंदन में संपत्ति खरीदने का है। शरीफ उस दौरान दो बार प्रधानमंत्री रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच के मुखिया जस्टिस आसिफ सईद खोसा ने इस केस की सुनवाई की थी।इस बेंच के अन्य सदस्य जस्टिस एजाज अफजल, जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस शेख अजमत और जस्टिस एजाज उल हसन हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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