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गपशप, गूगल साझेदारी से गूगल असिस्टैंट में आएगा ‘एक्शन’

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गपशप, गूगल, 'एक्शन', सिलिकॉन, आईओटी, डिवाइस इंटरनेट ऑफ थिंग्स, प्रौद्योगिकी

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गपशप, गूगल, 'एक्शन', सिलिकॉन, आईओटी, डिवाइस इंटरनेट ऑफ थिंग्स, प्रौद्योगिकी

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मुंबई  | सिलिकॉन वैली की बॉट प्लेटफार्म गपशप ने शुक्रवार को गूगल के साथ उसके कृत्रिम बुद्धिमता से लैस गूगल असिस्टैंट में उद्योगों के लिए बनाया गया क्विकली बिल्ड ‘एक्शन्स’ मुहैया कराने के साझेदारी की घोषणा की। गपशप के क्रॉस प्लेटफार्म डेवलपमेंट टूल्स की मदद से बॉट बिल्डर्स गूगल असिस्टैंट के लिए अब बॉट का सृजन और तैनाती या ‘एक्शन्स’ कर सकते हैं।

गपशप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीरूड शेठ ने एक बयान में बताया, “बॉट परिदृश्य पिछले एक साल में तेजी से बढ़ी है, जो एक ऐसी दुनिया बना रही है जहां बुद्धिमान और संवाद करनेवाले इंटरफेस हमारे चारो तरफ होंगे।” गूगल असिस्टंट के शुरुआती ‘एक्शंस’ में एक गूगल होम वेंचरबीट से आएगी, जो एक प्रौद्योगिकी और चैटबॉट न्यूज सोर्स है।

इसे गपशप के साथ समन्वय में विकसित किया गया है। यह बॉट इस महीने तक उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध हो जाएगा।  गूगल होम के प्रयोक्ता वेंचरबीट के बॉट को यह कहते हुए सक्रिय कर सकते हैं- ‘ओके गूगल, लेट मी टॉक टू वेंचरबीट’ और इसके बाद प्रौद्योगिकी से जुड़ी नवीनतम खबरों और हेडलाइन को गूगल असिस्टंट से बातचीत द्वारा अपने घर में अपने आराम से देख-पढ़ सकेंगे।

मार्केट रिसर्च फर्म गार्टनर के मुताबिक साल 2016 के अंत तक दुनिया में 6.4 अरब कनेक्टेड डिवाइसेज होंगे तथा इनमें कुल सेवाओं पर 235 अरब डॉलर खर्च किए जाएंगे।  गार्टनर ने यह भी अनुमान लगाया है कि साल 2020 तक 20.8 अरब डिवाइस इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) से जुड़े होंगे।

 

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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