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पैन के साथ आधार को लिंक करने पर SC ने फैसला रखा सुरक्षित

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पैन कार्ड के साथ आधार को जोडऩे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, हालांकि अदालत को बताया गया कि यह एक ‘कठोर’ प्रावधान है, जिसे खत्म किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने आयकर अधिनियम में नई शामिल की गई धारा 139 एए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की, जिसमें आधार को पैन कार्ड से जोडऩा अनिवार्य बनाया गया है।

खंडपीठ को यह बताया गया कि आधार को पैन कार्ड से जोडऩे के खतरनाक नतीजे होंगे। ‘यह न सिर्फ लोगों को प्रभावित करेगा, बल्कि छोटे व्यापारी भी इससे प्रभावित होंगे।’ अदालत ने यह पूछा कि ‘क्या इस मुद्दे पर कभी संसद में बहस हुई या इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया?’

याचिकाकर्ता भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता विनय विसमन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द दातार ने खंडपीठ को बताया कि सरकार आधार को अनिवार्य बनाने के एजेंडे पर काम कर रही है। वहीं, आधार अधिनियम 2016 के मुताबिक आधार वैकल्पिक है जबकि आयकर अधिनियम की धारा 139 एए के मुताबिक इसे पैन के साथ जोडऩा अनिवार्य बना दिया गया है।

दातार ने कहा, “जो अधिकार आधार अधिनियम के तहत वैकल्पिक है, उसे आयकर अधिनियम के तहत दंडात्मक प्रावधान नहीं बनाया जा सकता।”

विसमान के अलावा सेना के पूर्व मेजर जनरल एस. जी. वोम्बटकेरे और सफाई कर्मचारी आंदोलन के संयोजक बेजवाडा विल्सन ने भी धारा 139 एए की वैधता को अदालत में चुनौती दी है।

दातार ने कहा, “सरकार धीरे-धीरे आधार को कई सारी चीजों के साथ अनिवार्य बनाती जा रही है, जबकि अदालत ने आधार को वैकल्पिक रखने का आदेश दिया है। क्या यह अदालत की अवमानना नहीं है?”

वरिष्ठ अधिवक्ता ने शीर्ष अदालत के दो पूर्व आदेशों के हवाले से कहा कि इसमें सरकार को केवल खाद्यान्न वितरण और एलपीजी और अन्य रसोई गैस के वितरण के लिए आधार को अनिवार्य बनाने का आदेश दिया गया था। लेकिन सरकार ने इसे अन्य योजनाओं जैसे मनरेगा, वृद्धावस्था पेंशन योजना, भविष्य निधि और प्रधानमंत्री जन-धन योजनाओं से भी जोड़ दिया।

नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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