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वाट्सएप, फेसबुक के नियमन पर केंद्र से जवाब तलब

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वाट्सएप, फेसबुक के नियमन पर केंद्र से जवाब तलबनई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को वाट्सएप और फेसबुक के उपयोगकर्ताओं की संदेश सामग्री की निजता की सुरक्षा के लिए नियमन की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, ऑनलाइन संदेशन सेवा वाट्सएप और सोशल नेटवर्किं ग साइट फेसबुक को भी नोटिस जारी किए हैं।

मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा, “वह एक निजी व्यक्ति है जो निजी सेवा प्रदान करता है। आप इसे लें या छोड़ दें.. यह आपका अधिकार है।”

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि वाट्सएप की नई नीति के तहत ऑनलाइन संदेश सेवा सामग्री को देख, पढ़, साझा और इसका व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकता है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत से कहा, “संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत मेरे अधिकार और मेरी निजिता की रक्षा का दायित्व सरकार का है।”

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अमेठी से राहुल गांधी के न लड़ने पर आया स्मृति ईरानी का बयान, कही ये बात

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अमेठी। अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है।

स्मृति ईरानी ने कहा, “मेहमानों का स्वागत है। हमलोग अतिथियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, इतना ही कह दूं कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है। अगर उन्हें लगता कि यहां जीत की कोई भी गुंजाइश हो तो वे यहां से लड़ते।

वहीँ इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। मोदी ने पश्चिम बंगाल के बर्धमान में एक चुनावी रैली में कहा कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने से डर गए हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस बार अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राहुल से पहले सोनिया गांधी भी डरकर राजस्थान चली गई थीं।

वहीं कांग्रेस ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। इन आलोचनाओं का जवाब कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, ”राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय है लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। वे सोच-समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार-विमर्श कर बड़ी रणनीति के तहत लिया है।

उन्होंने लिखा है,” इस निर्णय से बीजेपी,उसके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गए हैं.बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो ‘रंपरागत सीट’की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें? रायबरेली सिर्फ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है.यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है।

उन्होंने लिखा है, ”रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गए, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए?”

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