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रानी रूपमती और बाज बहादुर की प्रेम कहानी हिलेरी को खींच लायी मांडू
इंदौर। अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन रविवार रात तीन दिवसीय निजी प्रवास पर मध्यप्रदेश पहुंचीं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हिलेरी मुम्बई से विशेष विमान के जरिये इंदौर के देवी अहिल्या बाई हवाई अड्डे पहुंचीं।
यहां से 8.25 बजे सडक़ मार्ग से वह महेश्वर के लिए रवाना हुईं और 10.23 बजे वहां पहुंचीं। कड़ी सुरक्षा के बीच वह सीधे राजवाड़ा परिसर में बने होटल अहिल्या फोर्ट गईं। यहां उनका स्वागत शिवाजीराव होलकर (अमेरिकी नागरिकता प्राप्त प्रिंस रिचर्ड होलकर) ने किया और रात्रि भोज दिया।
बता दें कि प्रिंस रिचर्ड होलकर को अमेरिका जाना था। इस कारण तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंची हिलेरी ने अपने कार्यक्रम में बदलाव किया और मध्य प्रदेश यात्रा में सबसे पहले महेश्वर को चुना। नर्मदा के सुरम्य तट पर बसा ऐतिहासिक शहर महेश्वर रियासत काल में पूर्व होलकर राजवंश की शासक अहिल्या बाई होलकर की राजधानी रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के तीन दिवसीय प्रवास के दौरान अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री ने सोमवार को धार जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माण्डू का भ्रमण किया। वहां उन्होंने मांडू की ऐतिहासिक धरोहरों का भी अवलोकन किया।
बता दें कि यहां रानी रूपमती और बाज बहादुर की प्रेम कहानी काफी प्रसिद्ध है। हिलेरी ने यहां रूपमती और बाज बहादुर के महल, जहाज महल समेत कई ऐतिहासिक इमारतों को देखा। हिलेरी ने यहां स्थानीय भोजन का लुत्फ भी उठाया।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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